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Haryana Cabinet decision: करनाल लाठीचार्ज की जांच के लिए आयोग नियुक्त, एक महीने में देगा रिपोर्ट

मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal Khattar) की अध्यक्षता में बुधवार को चंडीगढ़ में हरियाणा कैबिनेट की (haryana cabinet decisions) बैठक हुई. इस बैठक में करनाल में बसताड़ा टोल प्लाजा घटना की जांच के लिए आयोग नियुक्त किया गया. इसके अलावा बैठक में और भी कई अहम फैसले लिए गए.

haryana cabinet meeting
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Published : Sep 22, 2021, 9:29 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा कैबिनेट (haryana cabinet meeting) की मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal Khattar) की अध्यक्षता में बुधवार को चंडीगढ़ में अहम बैठक हुई. जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. बैठक में फैसला लिया कि 28 अगस्त, 2021 को करनाल में बसताड़ा टोल प्लाजा पर हुए घटनाक्रम की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सोमनाथ अग्रवाल (सेवानिवृत्त) को जांच आयोग नियुक्त किया है.

आयोग 28 अगस्त, 2021 को उक्त परिस्थिति के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों का पता लगाएगा और पुलिस की कार्रवाई में करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा की भूमिका की जांच भी करेगा. आयोग आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना के प्रकाशन की तिथि से एक मास की अवधि के भीतर जांच पूरी करके राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. किसानों के हितों की रक्षा के प्रति मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए राज्य सरकार ने एक विशेष रूप से डिजाइन की गई योजना के तहत अजैविक कारकों के खिलाफ बागवानी किसानों को कवर करने का निर्णय लिया है.

सुनिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल का बयान

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मंत्रिमंडल ने बागवानी किसानों के लिए प्रतिकूल मौसम और प्राकृतिक आपदाओं के कारण बागवानी फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना (एमबीबीवाई) नामक एक आश्वासन-आधारित योजना के कार्यान्वयन को स्वीकृति प्रदान की. बागवानी किसानों को विभिन्न कारकों के कारण भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है जिनमें फसलों में अचानक बीमारी फैलने, कीटों के संक्रमण जैसे जैविक कारक और बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, सूखा, पाला, अत्यधिक तापमान जैसे अजैविक कारक शामिल हैं.

इस योजना को बागवानी फसल आश्वासन योजना के रूप में तैयार किया गया है और इसका नाम एमबीबीवाई रखा गया है जिसका उद्देश्य किसानों को उच्च जोखिम वाली बागवानी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है. इस योजना के तहत ओलावृष्टि, पाला, वर्षा, बाढ़, आग आदि जैसे मापदंडों को लिया गया है जिससे फसल को नुकसान होता है. इस योजना के तहत कुल 21 सब्जी, फल और मसाला फसलों को कवर किया जाएगा.

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योजना के तहत किसानों को सब्जी एवं मसाला फसलों की 30,000 रुपये और फल फसलों की 40,000 रुपये की बीमा राशि के विरुद्ध केवल 2.5 प्रतिशत यानी क्रमण 750 रुपये और 1000 रुपये ही अदा करने होंगे. दावा मुआवजा सर्वेक्षण और नुकसान की चार श्रेणियों 25, 50, 75 और 100 प्रतिशत की सीमा पर आधारित होगा. यह योजना वैकल्पिक होगी और पूरे राज्य में लागू होगी.

किसानों को मेरी फसल मेरा ब्योरा (एमएफएमबी) पोर्टल पर अपनी फसल और क्षेत्र का पंजीकरण करते समय इस योजना का विकल्प चुनना होगा. मौसमवार फसल पंजीकरण की अवधि समय-समय पर निर्धारित एवं अधिसूचित की जाएगी. यह योजना व्यक्तिगत क्षेत्र पर लागू की जाएगी अर्थात फसल हानि का आंकलन व्यक्तिगत क्षेत्र स्तर पर किया जाएगा. राज्य सरकार द्वारा 10 करोड़ रुपये का बजट रखा जाएगा और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत राज्य और जिला स्तरीय समितियां राज्य एवं जिला स्तर पर निगरानी, समीक्षा और विवादों का समाधान करेंगी.

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इसके अलावा बैठक में सहायक अधीक्षक, जेल के रिक्त पद को भरने के लिए पंजाब जेल विभाग राज्य सेवा (श्रेणी-III कार्यकारी), नियम, 1963 के नियम 15 (1) एवं (2) और परिशिष्ट-क में संशोधन करने के जेल विभाग के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई. इन नियमों को अब पंजाब जेल विभाग राज्य सेवा (श्रेणी-III कार्यकारी), हरियाणा संशोधन नियम, 2020 कहा जाएगा. नियमों में संशोधन करना इसलिए आवश्यक हो गया था क्योंकि सहायक अधीक्षक जेल के रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार की नवीनतम हिदायतों अनुसार विभागीय सेवा नियमों मे एक विषय के रूप में हिन्दी या संस्कृत के साथ दसवीं की शैक्षणिक योग्यता को शामिल करना जरूरी था.

संशोधन के अनुसार, अब सहायक अधीक्षक जेल के पदों को सीधे भरने के लिए शैक्षणिक योग्यता किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी संकाय में स्नातक या समकक्ष और हिन्दी या संस्कृत के साथ मैट्रिक या उच्चतर शिक्षा होगी.

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