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Haryana Budget 2023: जानिए सरकार के पास कहां से आता है बजट का पैसा और कैसे होता है खर्च

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 23 फरवरी को बजट पेश किया है. अब ये जानना जरूरी हो जाता है कि सरकार के पास ये बजट का पैसा आता कहां से है और सरकार इसको इन्वेस्ट कैसे करती है. इस खबर में जानिए सरकार की आय और आंकड़ों का विश्लेषण.

Haryana Budget 2023
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल

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Published : Feb 23, 2023, 6:54 PM IST

चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपना चौथा बजट पेश किया. बड़ी बात यह है कि इस बजट में कोई भी टैक्स नहीं लगाया गया है. हालांकि प्रदेश सरकार पर कर्ज की रकम में वृद्धि हो गई है. लेकिन सरकार के पास ऐसा हो सकता है और किस दिन कैसे खर्च होता है. यह जानना भी जरूरी है और सरकार के पास कैसे आता है पैसा ?

सरकार की कई जिम्मेदारियां होती हैं. जिसमें सामाजिक और आर्थिक दोनों होती. इसलिए कोई भी सरकार सिर्फ अपने राजस्व पर ही नहीं चलती, बल्कि अन्य ऋण पर भी निर्भर रहती है. किसी भी अपने खर्चों को पूरा करती है. सरकार के पास राज्य का अपना कर राजस्व होता है. जो इस बार के बजट में 42 फीसदी है. इसके साथ ही गैर कर राजस्व सरकार के पास 7.02 फीसदी है अन्य प्राप्तियां 3.51 फीसदी है.

कहां से आता है बजट का पैसा

राज्य का अपना राजस्व भी होता है. जो इस बार के बजट में 42 फीसदी है. इसमें इस बार सरकार के पास अपना राजस्व एसजीएसटी 18.57 फीसदी, वैट 7.18 फीसदी, स्टेट एक्साइज 6.38 फीसदी, स्टांप और पंजीकरण 6.96 फीसदी, वाहन कर 2.61 फीसदी और अन्य 0.30 फीसदी. इसके अलावा सरकार के पास गैर कर राजस्व भी होता है, जो इस बार 7.02 फीसदी है. जिसमें परिवहन 1.36 फीसदी, शहरी विकास 1.61 फीसदी, खान एवं भूविज्ञान 0.80 फीसदी, ब्याज, लाभांश और लाभ 1.47 फीसदी, शिक्षा 0.50 फीसदी और अन्य 1.28 फीसदी. अन्य प्राप्तियां 3.51 फीसदी है.

सरकार के पास कैसे आता है पैसा

सरकार के पास कैसे आता है पैसा:सरकार की कई सामाजिक जिम्मेदारियां भी होती हैं. जिनको निभाने पर सरकार को अपने बचाव कार्य बहुत बड़ा हिस्सा खर्च करना पड़ता है. इस बार सामाजिक सेवाओं पर खर्च 30.51 फीसदी, आर्थिक सेवाएं 24.13 फीसदी, ऋण भुगतान 30.86 फीसदी, सामान्य सेवाएं 14.5 फीसदी है. सरकार के खर्च में आर्थिक सेवाएं और कुछ अन्य सेवाएं भी होती है. आर्थिक सेवाओं पर खर्च इस बार 24.13 फीसदी है. जिसमें कृषि सिंचाई व अन्य पर 11.8 फीसदी, परिवहन नागरिक उड्डयन पर 4.3 फीसदी, ग्रामीण विकास और पंचायतें 3.95 फीसदी और अन्य 4.08 फीसदी है.

सरकार कहां खर्च करती है पैसा

सरकार कहां खर्च करती है पैसा: इसके साथ ही सरकार को सामान्य सेवाओं पर भी खर्च करना होता है. इस बार सामान्य सेवाओं पर खर्च 14.5 फीसदी है. जिसमें प्रशासनिक सेवाएं 5.77 फीसदी, पेंशन 7.18 फीसदी और अन्य 1.55 फीसदी है. जबकि ऋण भुगतान पर बहुत बडा हिस्सा 30.86 फीसदी खर्च होगा. जिसमें मूलधन पर 19.15 फीसदी और ब्याज पर 11.71 फीसदी खर्च है. सामाजिक सेवाओं पर 30.51 फीसद खर्च है. जिसमें शिक्षा पर 10.97 फीसदी, समाज कल्याण और पोषण 6.79 फीसदी, स्वास्थ्य और परिवार पर 4.74 फीसदी, जनस्वास्थ्य और अभियांत्रिकी पर 2.71 फीसदी और अन्य पर 5.3 फीसदी खर्च होगा.

केंद्र से सरकार कितना लेगी ऋण

केंद्र से सरकार कितना लेगी ऋण: वहीं सरकार के पास अन्य स्रोतों से भी पैसा आता है. अन्य स्रोतों में राज्य सरकार के पास केंद्र की सहायता और अन्य ऋण भी उपलब्ध होते हैं. इस बजट में केंद्र से विचलन (Devolution from Center) 11.51 फीसदी है. जिनमें केंद्रीय करों का हिस्सा 6.19 फीसदी है. केंद्र से प्राप्त सीएसएस और अन्य ग्रांट का हिस्सा 5.32 फीसदी है. वहीं सरकार उधार के तौर पर 35.96 फीसदी पैसा लेगी. जिसमें राज्य विकास ऋण 26.35 फीसदी, खाद्यान खरीद के लिए 7.65 फीसदी, नाबार्ड और एनसीआरपीबी से 1.12 फीसदी, भारत सरकार से ऋण 0.55 फीसदी और अन्य 0.29 फीसदी लेगी.

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क्या कहते है आर्थिक मामलों के जानकार:वहीं सरकार की आय और व्यय पर आर्थिक मामलों के जानकार बिमल अंजुम का कहना है, कि सरकार की आय के जो स्रोत है उसमें अपना राजस्व 42 फीसदी है. लेकिन सरकार जो अपने विभिन्न कार्यक्रमों के लिए 35.96 फीसदी ऋण ले रही है, वो चिंता का विषय है. उसमें राज्य विकास ऋण 26.35 फीसदी है. जिसे वे अच्छा साइन नहीं मानते है. उनका कहना है कि खर्च के लिए जो सरकार 35 फीसदी से अधिक ऋण ले रही है, वो चिंता का विषय है.

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