चंडीगढ़: नए कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा की राजनीति में हलचले काफी तेज हो चुकी हैं. सरकार के विरोध में अब पार्टी के लोग ही खड़े होने लगे हैं, लेकिन बीजेपी की तरफ से कृषि कानूनों को लेकर स्टैंड क्लियर है. इसी कड़ी में कानूनों के विरोध में पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा के इस्तीफे को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है.
व्हॉट्स ऐप से इस्तीफा मंजूर करने की दी जानकारी
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ ने व्हॉट्स ऐप के जरिए पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा का इस्तीफा मंजूर करने की जानकारी दी. ओपी धनखड़ ने श्याम सिंह राणा को भेजे गए मैसेज में लिखा कि पार्टी सदैव किसान के मुद्दों के साथ है.
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष की तरफ से भेजा गया मैसेज का स्क्रीनशॉट उन्होंने कहा कि इस बार आप चुनाव में कर्ण देव कंबोज का साथ देने में असमर्थ रहे. आपकी व्यक्तिगत महत्वकांक्षाएं हावी रहीं. आपके लिए एक ही रास्ता बचा था. आपका इस्तीफा स्वीकार है आपके भविष्य के लिए शुभकामनाएं.
कुछ घंटे पहले ही दिया था इस्तीफा
बता दें कि श्याम सिंह राणा ने इस इस्तीफे की वजह कृषि कानूनों को बताया था. उन्होंने वीडियो संदेश के जरिए बताया था कि वो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ को अपना इस्तीफा भेज चुके हैं. ऐसे में अब बीजेपी हरियाणा को भी झटका लगा है, क्योंकि बीजेपी के पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के समर्थन में इस्तीफा दे दिया है. श्याम सिंह राणा ने कहा की है वह किसान हैं और हमेशा किसानों के साथ हैं कृषि अध्यादेश किसानों के खिलाफ हैं जिसके चलते ही वह पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं.
जल्द दूसरी पार्टी ज्वॉइन कर सकते हैं श्याम सिंह राणा
हालांकि श्याम सिंह राणा ने यह भी संकेत दिए कि जल्द ही वे दूसरी पार्टी को भी ज्वॉइन कर सकते हैं. श्याम सिंह राणा ने कहा कि वे राजनीति जारी रखेंगे. श्याम सिंह राणा के अनुसार उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से बातचीत के बाद ही यह फैसला लिया है.
विधानसभा चुनाव से ही थे पार्टी से नाराज
गौरतलब है रादौर से विधायक रहे श्याम सिंह राणा की भाजपा ने टिकट काटकर पूर्व मंत्री कर्ण देव कंबोज को टिकट दिया था. टिकट काटे जाने के बाद कर्ण देव कंबोज भी हर गए थे, जिसके बाद कंबोज ने भितरघात का आरोप लगाया था. श्याम सिंह राणा का इस्तीफे के बाद अन्य नाराज नेता भी उनकी राह पकड़ सकते है. दूसरी तरफ बरोदा उपचुनाब भाजपा के लिए काफी अहम है ऐसे में भाजपा कैसे अपने दूसरे नेताओं की नाराजगी को दूर करेगी ये भी देखना होगा.
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