चंडीगढ़: हरियाणा क्राइम ब्रांच की एंटी ATM फ्रॉड जांच सेल ने एटीएम धोखाधड़ी के मामलों में कार्रवाई करते हुए गत 10 महीने के दौरान एटीएम फ्रॉड के 110 अनट्रेस मामलों को सुलझाया है. धोखाधड़ी में शामिल 81 आरोपियों को टीम ने गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही 17 लाख रुपये से ज्यादा की राशि भी रिकवर की गई है.
81 अपराधी सलाखों के पीछे: हरियाणा स्टेट क्राइम ब्रांच ने अलग-अलग जिलों से हाई वैल्यू 132 अनट्रेस मामले FIC यानी एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन सेल को सौंपे थे. जिसमें से 110 अनट्रेस केस पर कार्रवाई की जा रही है. इन्हीं मुकदमों पर काम करते हुए अलग-अलग जिलों में टीम पिछले 10 महीने के भीतर 81 अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है.
एटीएम फ्रॉड अपराधियों पर कड़ी नजर: ADGP राज्य अपराध शाखा, ओपी सिंह प्रतिमाह इन मामलों की रिपोर्ट भी लेते रहे हैं. इसके अलावा ऐसे हाई वैल्यू केस जिनमें अनट्रेस रिपोर्ट लिखी गई है, उन मामलों पर काम करने के लिए कड़े आदेश जारी किए गये हैं. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जिला पुलिस द्वारा सबूतों के अभाव में अनट्रेस रिपोर्ट देकर मामले को बंद कर दिया गया है. जिसके चलते न तो पीड़ितों को राशि वापस मिल पाती है और न ही आरोपी पकड़े जाते हैं. इसी समस्या का समाधान पाने के लिए राज्य अपराध शाखा द्वारा प्रत्येक जिले में स्पेशल सेल का गठन साल 2022 में किया गया था.
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17 लाख से ज्यादा कैश बरामद: एटीएम फ्रॉड जांच सेल ने कार्रवाई करते हुए पीड़ितों के 17 लाख 18 हजार 878 रुपये रिकवर किए हैं. इसके अलावा आरोपियों से 17 चोरी किए हुए एटीएम भी बरामद किए गए हैं. पिछले 10 महीनों में गिरफ्तार किए गए एटीएम ठगों से 5 वाहन भी जब्त किए गए हैं. वहीं, आरोपियों के पास से 3 डिजिटल डिवाइस भी बरामद किए गए हैं. पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि, FIC सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचती है और एटीएम के आस-पास के सभी सीसीटीवी कैमरों की जांच भी करती है. जिसके आधार पर एविडेंस एकत्र किए जाते हैं. जिसके बाद टीम अपराधियों तक पहुंचती है.
ATM यूज के टिप्स: इसके अलावा एडीजीपी ओपी सिंह ने एटीएम को इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियों के अपनाने के सुझाव दिए हैं. उन्होंने कहा कि जब भी एटीएम यूज करें तो डिवाइस चेक कर लें. इस दौरान यदि स्क्रीनिंग डिवाइस या कीपैड लूज है तो सावधान हो जाएं और कार्ड का इस्तेमाल न करें. हो सकता है वहां पर हिडन कैमरा लगा हो. उन्होंने बताया कि भरोसेमंद जगह पर ही कार्ड का इस्तेमाल करें. लाइन में कोई आपके पीछे खड़ा है तो संभल कर कार्ड का पासवर्ड यूज करें. बैंक के कस्टमर केयर का नंबर गूगल ना करें.
फ्रॉड की भनक लगते ही करें ये काम: अगर आपको लगता है कि आप ठगी के शिकार हो गए हैं, तो तुरंत इस समस्या से निपटे के लिए निर्णय लें. आपको यदि पता चल जाए कि आपका डेबिट कार्ड बदल गया है तो तुरंत बैंक के टोल फ्री नंबर पर कॉल करके कार्ड को ब्लॉक करा दें. सरल वेबसाइट के माध्यम से भी एफआईआर दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा साइबर अपराध की शिकायत के लिए 1930 पर संपर्क करें.
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