चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा (haryana assembly winter session) है. यह शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर तक चलेगा. कार्य सलाहकार समिति ने सरकार की तरफ से प्रस्तावित विधानसभा की कार्यवाही को एक दिन बढ़ा दिया है. अब सत्र 21 दिसंबर की जगह 22 दिसंबर तक चलेगा. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार का शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सरकार को भर्ती घोटाले को लेकर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है. सत्र की शुरूआत शोक प्रस्ताव पढ़ने से होगी. इसके बाद सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित की जाएगी. इसके बाद प्रश्नकाल व अन्य विधायी कार्य होंगे. वहीं सत्र की अवधि बढ़ने की वजह से सरकार सदन में विपक्ष की ओर से आए मुद्दों पर भी चर्चा करा सकती है.
सदन में ये बिल होंगे पेश
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में छह बिल आ रहे हैं. उनमें ज्यादातर बिल ऐसे हैं जिसमें अमेंडमेंट करने की आवश्यकता है. जैसे कि मेट्रोपॉलिटन काउंसिल पंचकूला का बिल है, उसमें अंबाला की जगह कमिश्नरेट पंचकूला लिखा गया है, उसे ठीक करना है. इसी के साथ ही हरियाणा प्राइवेट यूनिवर्सिटी अमेंडमेंट बिल 2021 भी आया है. हरियाणा शेड्यूल रोड एंड कंट्रोल एरिया कंस्ट्रक्शन अनरेगुलेटेड डेवलपमेंट बिल 2021 आया है, हरियाणा पॉन्ड एंड वेस्ट वॉटर अथॉरिटी बिल 2021, द हरियाणा मैनेजमेंट ऑफ सिविक एमेनिटीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डिफिशियंट एरिया आउटसाइड म्युनिसिपल एरिया स्पेशल प्रोविजन बिल 2021 और द हरियाणा एप्रोप्रिएशन बिल 2021 शामिल हैं.
इस बार एक प्राइवेट मेंबर बिल भी आया है, जो कांग्रेस की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी की ओर से विधानसभा में लगाया गया है. जोकि एमएसपी को कानूनी रूप से लागू करने को लेकर है. यानी किरण चौधरी ने अपनी ओर से किसानों के मुद्दे को सदन में उठाया है। हालांकि इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि अभी इसको लेकर डिस्कशन होना है कि यह सदन में लाया जाएगा या नहीं. यह देखना जरूरी है कि यह टेक्निकली और रूल के मुताबिक है या नहीं.
पेपर लेस नहीं होगा विधानसभा का सत्र
इस बार का विधानसभा सत्र पेपर लेस नहीं हो पाएगा. क्योंकि अभी इसको लेकर तैयारियां पूरी नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि विधानसभा का सत्र पेपर लेस कराने के लिए अगले बजट सत्र का टारगेट रखा गया है. विधानसभा को पेपर लेस बनाने के लिए दो कमेटियां बनाई गई है. ये कमेटियां अरुणाचल प्रदेश, बिहार और असम की वर्किंग देख कर आई है. जिससे हम पेपर लेस विधानसभा बेहतर ढंग से बना पाए.