चंडीगढ़: राजस्थान में हुए 83वें अखिल भारतीय विधानसभा अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन आयोजित किया गया. इस सम्मेलन को लेकर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता मीडिया से रूबरू (83rd All India Presiding Officers Assembly Speakers conference) हुए. विधानसभा अध्यक्ष ने सम्मेलन में पास किए गए रेजोल्यूशन की जानकारी मीडिया से साझा की. साथ ही विधानसभा को वित्तीय स्वायत्तता दिए जाने की भी बात रखी.
ज्ञान चंद गुप्ता (Haryana Assembly Speaker Gyan Chand Gupta) ने बताया कि जयपुर में हुए सम्मेलन में 9 संकल्प पास किए गए हैं ताकि सभी विधानसभाओं का आपसी समन्वय बना रहे. उन्होंने बताया कि इस अधिवेशन का शुभारंभ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया था, और समापन समारोह में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा मौजूद रहे.
सम्मेलन में पारित हुए संकल्प:पहला संकल्प-जी-20 की अध्यक्षता मिलने पर अभिनंदन. दूसरा संकल्प- शक्तियों के पृथक्करण. तीसरा संकल्प- संविधान सभा के सदस्यों के अनुकरणीय आचरण. चौथा संकल्प- कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित. पांचवां संकल्प-समितियों की भूमिका और कार्यपालिका के कार्य की समीक्षा. छठा संकल्प- राज्य विधानमंडलों के कार्य प्रबंधन में वित्तीय स्वायत्तता. सातवां संकल्प- राष्ट्रीय डिजिटल ग्रिड. आठवां संकल्प- उत्कृष्ट विधायिका पुरस्कार. नौवां संकल्प- संवैधानिक प्रावधानों के प्रति जवाबदेही.
विधानसभा के बजट को लेकर विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि सरकार बजट में विधानसभा के लिए बजट का प्रावधान करती है. लेकिन जब उसे खर्च करना होता है तो उस वक्त सरकार से फिर उसके लिए अप्रूवल लेनी होती है, लेकिन इस सम्मेलन में हमने यह बात रखी कि जो बजट सरकार विधानसभा के लिए तय करती है उसका यूटिलाइजेशन विधानसभा अपने स्तर पर करे.