चंडीगढ़:हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र (Haryana assembly monsoon session second day) का सोमवार को दूसरा दिन था. मानसून सत्र तीन दिन तक चलेगा. दूसरे दिन की कार्यवाही भी हंगामेदार रही. विपक्ष ने पेपर लीक समेत कई मुद्दों को लेकर जमकर हंगामा किया. सदन में सोमवार को कोरोना मरीजों की ऑक्सीजन की कमी से मौत का मुद्दा भी जोर शोर से उठा. वहीं सरकार की तरफ से भी सवालों के जवाब दिए गए. इसके अलावा सोमवार को सरकार की ओर से 6 विधेयक भी पास किए गए.
कोरोना मरीजों की मौत पर सीएम का जवाब-सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कोरोना पर कहा कि कोविड महामारी के दौरान हरियाणा सरकार ने प्रदेश में पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की. महामारी के दौरान व्यवस्था में लापरवाही करने वालों के खिलाफ जांच के लिए कमेटी बनाई जाएगी, जहां-जहां लापरवाही पाई जाएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान शून्यकाल में विपक्ष द्वारा उठाए गए मसले पर यह बात कही. उन्होंने बताया कि हरियाणा के अस्पतालों में लगभग 13 हजार लोगों की कोविड के कारण मृत्यु हुई. इनमें से लगभग 9500 हरियाणा के रहने वाले थे, जबकि लगभग 3500 हरियाणा के बाहर के कोविड मरीजों की मृत्यु हुई.
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कांग्रेस ने कहा झूठ बोल रही सरकार-सीएम ने कहा कि हिसार, रेवाड़ी और गुरुग्राम में कुछ अस्पतालों में लापरवाही की बात सामने आई थी. इन तीनों स्थानों पर लापरवाही के मामलों की मजिस्ट्रेट जांच कराई गई है. दो स्थानों की रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा गया है कि ऐसा कोई मामला नहीं है, जहां ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत हुई है. हिसार के मामले की जांच रिपोर्ट में हिसार के सोनी अस्पताल की लापरवाही की बात सामने आई है. उक्त रिपोर्ट एसपी को प्रेषित कर दी गई है जो भी आवश्यक कार्रवाई होगी की जाएगी. वहीं इस पर कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों को लेकर सरकार तथ्यों को छुपा रही है. मुख्यमंत्री को विधानसभा सदन में झूठ नहीं बोलना चाहिए.
बिजली मंत्री ने कांग्रेस के आरोपों को नकारा-वहीं मुख्यमंत्री पर आंकड़ों को छुपाने और झूठ बोलने के आरोप पर बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि कांग्रेस की आदत है हंगामा करने की. कांग्रेस किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहती. मुख्यमंत्री ने कोई भी गलत बयान नहीं दिया है. मुख्यमंत्री के पास मरीजों की मौत होने की कई रिपोर्टें आई, लेकिन उनमें से एक भी रिपोर्ट ऐसी नहीं थी जिसमें ये लिखा हो कि किसी मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई हो. विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए ऑक्सीजन के नाम पर जानबूझकर हंगामा किया जा रहा है.