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चुनाव का टेंशन, अधिकारियों पर ऐक्शन: हरियाणा में इलेक्शन से पहले सरकार के सख्त फैसले, क्या बीजेपी को मिलेगा फायदा?

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Published : Mar 30, 2023, 12:48 PM IST

मुख्यमंत्री मनोहर लाल इन दिनों अधिकारियों को लेकर काफी सख्त हो गये हैं. माना जा रहा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की शिकायत और विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Election 2024) को देखते हुए ये फैसले लिये जा रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिये जा चुके हैं. राजनीति के जानकारों का कहना है कि अगले साल होने वाले चुनाव को देखते हुए ये कदम उठाये जा रहे हैं. तो सवाल ये है कि क्या बीजेपी को इससे चुनाव में फायदा होगा.

Election decisions of Manohar Lal
मनोहर लाल के चुनावी फैसले

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं. यही वजह है कि बजट सत्र के बाद से लगातार एक के बाद एक मंत्री और अधिकारियों के साथ बैठक करके विकास योजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं. इसके अलावा सीएम अधिकारियों को खास तौर पर जनता और जनप्रतिनिधियों से संवाद का आदेश दे रहे हैं.

काफी लंबे समय से बीजेपी पार्टी के कार्यकर्ता भी इस बात की शिकायत कर रहे थे कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते हैं. यहां तक कि विधायक भी कई बार यह बात पार्टी की बैठक में मुख्यमंत्री से कह चुके हैं. लगातार मिल रही इन शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री इस मामले में गंभीर दिखाई दे रहे हैं क्योंकि पार्टी को चुनाव के लिए जनता के बीच जाना है. हरियाणा में अगले साल लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव दोनो हैं.

जनता के लिए काम करें अधिकारी- मुख्यमंत्री अधिकारियों को साफ आदेश दे चुके हैं कि सीएम यानि कॉमन मैन और पीएम यानी प्राइम मेंबर ऑफ द सोसाइटी का ध्यान रखें. हर कल्याणकारी योजनाओं का त्वरित और पारदर्शी तरीके से वितरण सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने यह बात प्रदेश के तमाम बड़े अधिकारियों की बैठक के दौरान कही है.

अधिकारी रोज लगायें जनता दरबार- मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा है कि वो ज्यादा से ज्यादा जनता के बीच रहें. आमजन के साथ उनका संवाद बना रहना चाहिए. इसी को देखते हुए सीएम ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों सहित फील्ड के तमाम अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह रोजाना कम से कम 2 घंटे सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक का समय जनता के लिए निकालें ताकि आम जनता की समस्या सीधे उन तक पहुंच सके. सीएम ने ये भी कहा है कि अधिकारी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं से भी नियमित संवाद करें और उनकी अनदेखी ना करें.

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जिला छोड़ने से पहले अनुमित लेंगे अधिकारी- सरकार की ओर से जिलों के तमाम बड़े अधिकारियों को यह साफ निर्देश दिए गए हैं कि वे पूर्व अनुमोदित दौरे के कार्यक्रमों के अलावा अपने जिले और कार्यक्षेत्र को नहीं छोड़ें. सरकार की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक राज्य सरकार ने उत्तरदायित्वों में किसी भी प्रकार की कोताही को गंभीरता से लिया है और अधिकारियों को इन निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है. आदेश नहीं मानने वाले दोषी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

सीएम की जन संवाद की भी तैयारी- मुख्यमंत्री मनोहर लाल सिर्फ मंत्री और अधिकारियों के काम को लेकर ही संजीदा नहीं है बल्कि खुद भी अब जमीनी स्तर पर उतर चुके हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल अप्रैल महीने की 3 तारीख से 5 तारीख तक भिवानी में लोगों से मुलाकात करेंगे. मुख्यमंत्री इस दौरान समाज के हर तबके तक पहुंचने का प्रयास करेंगे. सीएम हर रोज 4 से 5 जन संवाद कार्यक्रम भी करेंगे जिसमें लोगों की समस्याएं सीधे जानेंगे और उनका त्वरित समाधान करने की कोशिश करेंगे.

राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि कोरोना काल की वजह से वर्तमान सरकार के इस कार्यकाल का काफी समय इससे जुड़ी दिक्कत का सामना करने में निकल गया. ऐसे में अब जब लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं तो सरकार का लोगों के बीच एक्शन में दिखाई देना स्वाभाविक है. काफी समय से पार्टी के विधायक और कार्यकर्ता पार्टी की बैठकों में अधिकारियों की अनदेखी की बात करते रहे हैं. यही वजह है कि अब सीएम अधिकारियों पर भी नकेल कसते दिखाई दे रहे हैं.

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