चंडीगढ़: हरियाणा का बजट सत्र 20 फरवरी से शुरू होने वाला है. पिछले सालों के मुकाबले इस बार का बजट कई मायनों में अहम रह सकता है. क्योंकि अगले साल पहले लोकसभा चुनाव होने हैं और उसके बाद साल के आखिर तक राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सरकार इस बजट के जरिए आम जनता को साधने की कोशिश जरूर करेगी. लेकिन ऐसा नहीं है कि सरकार ही जनता को रिझाने के लिए बजट में रियायतें दे सकती है. बल्कि विपक्ष भी अपनी सियासी जमीन को और मजबूत करने के लिए और सरकार के खिलाफ माहौल को बनाए रखने के लिए बजट सत्र के दौरान कई मुद्दों पर सरकार को भेज सकता है. विपक्ष वैसे भी लगातार पिछले काफी लंबे समय से सरकार को कई मुद्दों पर घेरता नजर आया है, वहीं बजट सत्र में वो फिर से अपने तीखे तेवरों को बरकरार रखना चाहेगा.
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले ही सरकार को रोजगार, भ्रष्टाचार और किसानों के मुद्दों को लेकर पहले ही हमलावर रहे हैं. ऐसे में विपक्ष जनता से जुड़े इन मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर रहेगा. विपक्ष लगातार इस बात को कहता रहा है कि वर्तमान सरकार में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ती जा रही है. हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन पर है तो निश्चित तौर पर ही विपक्ष इस मुद्दे पर बजट सत्र में हंगामा करेगा.
वहीं, प्रदेश के किसानों के हितों की अनदेखी को लेकर भी विपक्ष सरकार पर हमलावर होता रहा है. ऐसे में किसानों के मुद्दों पर भी सरकार पर विपक्ष निशाना साधेगा फिर चाहे बात जलभराव की हो या फिर फसलों की गिरदावरी या एमएसपी कि इन सभी विषयों को लेकर विपक्ष अपनी आवाज बजट सत्र में जरूर उठाएगा.