चंडीगढ़: वीरवार को चंडीगढ़ में हरियाणा कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में हरियाणा विधानसभा बजट सत्र 2023 की तारीखों का ऐलान हुआ. इस बार हरियाणा में बजट सत्र दो चरणों में होगा. बजट सत्र में 10 सिटिंग्स होगी. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक पहला चरण 20 से 23 फरवरी तक चलेगा और दूसरा चरण 16 से 21 मार्च तक चलेगा. केंद्रीय बजट के बाद इस बार भी सूबे के हर वर्ग को हरियाणा के बजट से काफी उम्मीदें हैं.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीरवार को चंडीगढ़ में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य का बजट सत्र 20 फरवरी, 2023 से आरंभ होगा. पिछले साल की तरह इस साल भी सदन की बैठक दो भागों में होगी. उन्होंने केंद्रीय बजट-2023 2024 समावेशी और भविष्योन्मुखी है, जिसमें नौकरीपेशा लोगों, युवाओं, महिलाओं, पुरुषों और किसानों के सशक्तिकरण को ध्यान में रखा गया है. उन्होंने कहा कि बजट में ढांचागत विकास, स्वास्थ्य, रोजगार सृजन, आवास, सामाजिक कल्याण, कृषक कल्याण, उच्च शिक्षा, नवाचार एवं अनुसंधान पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है, जो हरियाणा के लिए लाभकारी होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट से पहले बजट पूर्व विचार-विमर्श बैठक के दौरान उन्होंने दो सुझाव दिए थे, जिसे केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है. पहला सुझाव ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास कोष की तर्ज पर शहरी आधारभूत संरचना विकास निधि की स्थापना का सुझाव दिया था. केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस सुझाव को मानते हुए यूआईडीएफ की स्थापना की घोषणा की है.
इसके अलावा दूसरा सुझाव राज्यों को 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में विशेष सहायता जारी रखने का दिया था. इस योजना को भी बजट में जारी रखा है और इसके लिए आम बजट में 1 लाख 3 हजार करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है. इस योजना के तहत हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना के लिए 874 करोड़ रुपये पिछले वित्त वर्ष में स्वीकृत हुए थे. इस वित्त वर्ष में भी हमें पर्याप्त धनराशि प्राप्त होगी.
सीएम ने कहा कि हरियाणा अपने पड़ोसी राज्यों की तुलना में बेहतर वित्तीय स्थिति में है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में देश की चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर लगभग 7 फीसदी दर्शाई गई है. जबकि हरियाणा की आर्थिक वृद्धि दर लगभग 8 प्रतिशत है, जोकि राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में वित्तीय घाटे की सीमा राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 3 फीसदी तक तय की गई है.
हरियाणा पहले ही वित्तीय घाटे को इससे कम रखने में सफल रहा है. वित्त वर्ष 2021-22 का वित्तीय घाटा 2.9 प्रतिशत था. उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि चालू वित्त वर्ष का घाटा भी इससे कम ही रहेगा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट के अनुसार देश में वर्ष 2014 से अब तक प्रति व्यक्ति आय दो गुणा से अधिक होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है, जबकि हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय लगभग 2 लाख 75 हजार रुपये है.