चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी लगातार हरियाणा में जमीनी स्तर पर एक्टिव दिखाई दे रही है. वहीं, पार्टी ने प्रदेश में बड़े स्तर पर अपना संगठन भी खड़ा कर दिया है. पार्टी आने वाले दिनों में किस तरह से प्रदेश में आगे बढ़ने जा रही है? इंडिया गठबंधन को लेकर क्या चल रहा है? पार्टी चुनाव 2024 को लेकर क्या उम्मीद कर रही है? इन सब बातों को लेकर ईटीवी भारत ने आप के हरियाणा कैंपेन कमेटी के चेयरमैन डॉ. अशोक तंवर से खास बातचीत की.
सवाल: आगामी चुनावों को लेकर आम आदमी पार्टी की क्या तैयारी है?
जवाब:आम आदमी पार्टी की चुनाव को लेकर तैयारियां जोरदार है. जब आम आदमी तैयार हो जाए, जब किसान और कर्मचारी जिन पर सरकार ने लाठियां बरसाई हैं, वह तैयार हो जाए तो फिर लड़ाई आसान हो जाती है. चुनाव के प्रचार प्रसार के लिए हम पूरी तरह से जुटे हुए हैं. सरकार जिस तरीके का झूठ बोल रही है और विपक्ष (कांग्रेस) ने जिस तरीके का पहले काम किया. उस सब को हम जनता के बीच लेकर जा रहे हैं. जनता का हमें आशीर्वाद मिल रहा है. आम आदमी पार्टी का परिवार बढ़ता जा रहा है. जब हमने परिवार जोड़ो अभियान शुरू किया, हरियाणा के हर परिवार तक पहुंचाने की हमने कोशिश की, उनके सुख-दुख में जब हम शामिल हुए तो, एक मजबूत जन आधार तैयार हुआ. इसके साथ ही मजबूत संगठन भी आम आदमी पार्टी का हरियाणा में तैयार हो गया. जिनके शपथ ग्रहण के लिए 5 नवंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान हरियाणा आएंगे.
सवाल: आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में बड़ी तेजी के साथ अपना संगठन बना लिया, आपकी पुरानी पार्टी कांग्रेस अभी तक अपना संगठन घोषित नहीं कर पाई है आप इसे कैसे देखते हैं?
जवाब: कांग्रेस की गुटबाजी और पार्टी का जो वर्किंग कल्चर है यह उसका दोष है. वे आज भी यह सोचते हैं कि आजादी के बाद लंबे समय तक उनकी सरकार रही. लोगों ने उनको वैसे ही वोट दे दिया, क्योंकि कोई दूसरा नहीं था. लोग उनका झूठ सच सबको मानते रहे, उसे स्वीकार करते रहे वह लूटते रहे, देश देखता रहा. आज 75 साल हो गए, उसके बावजूद आज भी लोगों तक मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई. वहीं, 2014 के बाद भाजपा की सरकार बनी. उन्होंने कहा कि हम हालात बदल देंगे, किसानों की आय दुगनी कर देंगे, शहरों को स्मार्ट सिटी बना देंगे, कोई बेरोजगार नहीं रहेगा, 2 करोड़ रोजगार देने की बात कही, कर्मचारी बेहतर जीवन जिएंगे. लेकिन, आज उसके बिल्कुल विपरीत स्थिति है. आज 9 साल बाद देश और प्रदेश दोनों बदहाल है. जनता कंगाल हो गई, दोस्त मालामाल हो गए. यह सरकार की उपलब्धियां है. जिसको लेकर मैं सोचता हूं कि प्रदेश की जनता ज्यादा सहन नहीं करेगी. 2024 के अंदर इस देश में एक नया विकल्प सामने आएगा. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आई, उसके बाद पंजाब में आई और उससे भी बड़ा मैंडेट हरियाणा में जनता आम आदमी पार्टी को देगी.
सवाल:आम आदमी पार्टी के विरोधी चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी उनके नेता मानते हैं कि आम आदमी पार्टी हरियाणा में बड़ी चुनौती नहीं है आप इस पर क्या कहेंगे?
जवाब: आम आदमी पार्टी कितनी बड़ी चुनौती है इसका एहसास अंदर से उनको है. रातों की नींद चली गई दिन का चैन चला गया. लेकिन, अब करें भी तो क्या करें. क्योंकि अब वह कुछ कर भी नहीं सकते. कुछ करना आता तो यह हालत न होते. आम आदमी पार्टी तो पूरा मजबूत झाड़ू लगाती है. दिल्ली में लंबे समय तक कांग्रेस और बीजेपी का शासन रहा. लेकिन, 2014 के बाद की स्थिति आपके सामने है. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सब की दुकान बंद कर दी, कोई समान ही नहीं छोड़ा. पंजाब में भी आम आदमी पार्टी ने ऐसा ही किया. वहां भी बड़े-बड़े राजनीतिक परिवार थे, राजनीति के सूरमा थे, राजे महाराजे थे, सबको ध्वस्त कर दिया. आम आदमी पार्टी नाम है जो कि आम आदमी के सपनों को ध्यान में रखकर उनको साकार करने के लिए काम करती है. हरियाणा में भी यही होगा जो यह कहते हैं कि हम बड़ी चुनौती नहीं है असलियत उनको भी पता है. शरीर के लिए भी दो पैरों की जरूरत होती है. लेकिन, उनके पास तो दो पर भी नहीं है, ना ही उनके पास कोई दिव्य दृष्टि है, और उनका दिमाग भी खाली है.
सवाल: आपके विरोधी एसवाईएल के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को घेरने की कोशिश करेंगे, इसको लेकर आप क्या कहेंगे?
जवाब: वे मजबूती से हम पर वार करें, हमारे पास कवच है ढाल है. हम लड़ने के लिए सक्षम है. हम अपनी बात कहेंगे कि आजादी से लेकर आज तक इसका समाधान क्यों नहीं हुआ? सारी पार्टियों की केंद्र में और राज्य में सरकार रही. अगर उनकी नीयत ठीक होती तो यह बहुत पहले समाधान कर लेते. अरविंद केजरीवाल ने साफ कहा है कि प्रधानमंत्री हमें बुलाएं हम बताएंगे कि समाधान कैसे हो सकता है. पानी की जरूरत सबको है, पंजाब को भी हरियाणा को भी, राजस्थान को भी, किस को पानी नहीं चाहिए. जल ही जीवन है उसके बिना कुछ नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री जी ने बुलाया क्या? इसको चुनावी स्टंट ना बनाएं. चुनावी इवेंट ना बनाएं. चुनाव से पहले इसकी चर्चा होती है उसके बाद लोगों से भूल जाते हैं. जनता यह बर्दाश्त नहीं करेगी. जनता जानती है कि उसका हितेषी कौन है. उसी हितेषी की सोच थी कि पंजाब में बदलाव आया अब हरियाणा की बारी है.