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हांसी और गोहाना को बनाया जा सकता है जिला, महेंद्रगढ़ का नाम बदलने पर भी चर्चा

हरियाणा सरकार गोहाना और हांसी को जिला बनाने की तैयारी कर रही है. जानकारी के अनुसार मानसून सत्र में गोहाना और हांसी को जिला बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है. डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता वाली कमेटी ने इसको लेकर काम शुरू कर दिया है.

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Published : Jun 4, 2020, 11:49 PM IST

Updated : Jun 5, 2020, 7:23 AM IST

Hansi and Gohana can be made a district in haryana
Hansi and Gohana can be made a district in haryana

चंडीगढ़:हरियाणा सरकार पहले ही प्रदेश में 2 नए जिले बनाने की बात कह चुकी है. अब इसको लेकर सरकारी स्तर पर काम भी शुरू हो चुका है. जैसे कि प्रदेश में पहले से ही इस बात की चर्चा है कि हांसी और गोहाना को जिला बनाया जा सकता है. उसके बाद अब इसको लेकर मंत्री स्तर की कमेटी में चर्चा भी हुई.

गोहाना और हांसी को बनाया जा सकता है जिला

सूत्रों का कहना है कि इसको लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में कमेटी की बैठक हुई. जिसमें शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर और सहकारिता मंत्री डॉक्टर बनवारी लाल भी शामिल हुए. माना जा रहा है कि इस बैठक में इन दो जिलों (गोहाना और हांसी) की रूपरेखा क्या होगी, इस बात को लेकर चर्चा हुई. हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि इस बैठक में और किन-किन बातों को लेकर बातचीत हुई.

महेंद्रगढ़ जिले का नाम बदलने पर भी चर्चा

सूत्रों के मुताबिक इन दोनों जिलों को बनाने को लेकर इस बैठक में बातचीत हुई है. जानकारी ये भी है कि महेंद्रगढ़ जिले का नाम बदलकर नारनौल भी किया जा सकता है, क्योंकि महेंद्रगढ़ का जिला मुख्यालय नारनौल में पड़ता है.

रामबिलास शर्मा नहीं चाहते महेंद्रगढ़ का नाम बदले

ऐसी भी जानकारी है कि इसको लेकर पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा आपत्ति जता चुके हैं. उनका कहना है कि महेंद्रगढ़ जिला पहले से ही महेंद्रगढ़ के नाम से है तो ऐसे में उसका नाम बदलना उचित नहीं होगा. हालांकि अभी शुरुआती बातचीत है और इसको लेकर अभी कोई भी प्रारूप फाइनल नहीं हुआ है.

मानसून सत्र में लग सकती है प्रस्ताव पर मुहर

गौरतलब है कि गोहाना को जिला बनाने की मांग लगातार उठती रही है. कुछ समय पहले ही एफसीआर ने सोनीपत जिले के डीसी से गोहाना को लेकर पूरी रिपोर्ट भी मांगी थी. कमेटी इन सभी 8 प्रस्तावों पर गहन मंथन कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

10 अप्रैल को गठित इस कमेटी का कार्यकाल 9 जुलाई तक है. ऐसे में कमेटी जल्द अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है. संभावना है कि अगर मानसून सत्र हुआ तो इन प्रस्तावों में से कुछ पर सरकार मुहर लगा सकती है.

Last Updated : Jun 5, 2020, 7:23 AM IST

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