हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

Farmers Protest: सैकड़ों किसान चंडीगढ़ से दिल्ली रवाना, गुरनाम चढूनी कर रहे अगुवाई

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ चंडीगढ़ से दिल्ली की ओर रवाना हो चुके हैं. गुरनाम चढूनी ने कल चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली के किसानों से दिल्ली कूच करने की अपील की थी.

gurnam chadhuni Farmers Protest
gurnam chadhuni Farmers Protest

By

Published : Jul 3, 2021, 12:30 PM IST

चंडीगढ़:तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में चल रहा किसान आंदोलन (Farmers Protest) एक बार रफ्तार पकड़ रहा है. बीते कुछ दिनों से सुस्त पड़े आंदोलन में किसान नेताओं ने जान फूंकनी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में आज चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली के किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं. इन किसानों की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के नेता गुरनाम सिंह चढूनी कर रहे हैं.

गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam chaduni) ने एक फोटो ट्वीट कर लिखा है, 'चंडीगढ़ से किसान साथियों का क़ाफ़िला दिल्ली के लिए रवाना...'. गुरनाम सिंह चढूनी के साथ दिल्ली के लिए रवाना हुए काफिले में सैकड़ों की संख्या में किसान नजर आ रहे हैं. इस काफिले में अधिकतर गाड़ियां हैं. काफिले में कुछ एक ट्रैक्टर भी दिखाई दे रहे हैं.

गुरनाम सिंह चढूनी का ट्वीट.

किसान आंदोलन को नई धार!

बता दें, किसान आंदोलन को मजबूती देने का जिम्मा एक बार फिर किसान नेताओं ने अपने कंधों पर ले लिया. बीते कुछ दिनों से किसान नेता लगातार अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर आंदोलन को तेज करने की रणनीति बना रहे हैं. किसान आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने जुलाई के महीने में दो ट्रैक्टर रैलियों के आयोजन का भी ऐलान कर दिया है.

राकेश टिकैत, राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाकियू

ये भी पढे़ं-7 महीने से मोर्चे पर डटे हैं किसान, क्या इन रणनीतियों के आगे झुकेगी सरकार?

गौरतलब है कि बीते साल 26 नवंबर से तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन चल रहा है. पहले सर्दी, फिर बारिश, और अब तेज धूप में भी किसान दिल्ली को घेरे बैठे हैं. सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने अपने मोर्चे लगाए हुए हैं. किसानों का साफ कहना है कि कानूनों के रद्द होने तक वो वापस नहीं लौटेंगे. वहीं सरकार अभी भी अपने फैसले पर बनी हुई है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ये कह चुके हैं कि कानून रद्द नहीं होंगे, अगर किसान चाहें तो सरकार बातचीत दोबारा शुरू कर सकती है.

ये भी पढे़ं-सीएम के संयम वाले बयान पर बोले किसान- तोप चलानी है तो चला लो, कोई कसर है तो रड़क निकाल लो, हम तैयार हैं

ABOUT THE AUTHOR

...view details