चंडीगढ़: तीन कृषि कानून और किसान आंदोलन पर भारतीय किसान यूनियन हरियाणा (Bhartiya Kisan Union Haryana) इकाई के प्रदेश अध्यक्ष गुणी प्रकाश ने ईटीवी भारत हरियाणा के साथ बातचीत की. गुणी प्रकाश (Guni Prakash farmer leader) ने कहा कि हरियाणा में किसान आंदोलन से दंगा फैलाने वाले लोगों को हटाना जरूरी है. ये लोग किसानों के नाम पर हरियाणा में अव्यवस्था फैलाना चाहते हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाते हुए गुणी प्रकाश ने कहा कि ये आंदोलन पंजाब में शुरू हुआ था, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आंदोलन को बड़ी चालाकी से हरियाणा और दिल्ली में भेज दिया. अब वो लोगों को भड़का कर दंगे करवा रहे हैं. कृषि कानूनों पर उन्होंने कहा कि इन कानूनों से किसान को नहीं बल्कि बिचौलियों को सबसे ज्यादा नुकसान है. उन्होंने कहा कि करनाल में जो लाठीचार्ज हुआ उसमें 70% पंजाब के लोग थे.
किसान आंदोलन के पंजाब के सीएम जिम्मेदार, कांग्रेसी दंगाइयों को हटाना जरूरी- किसान नेता गुणी प्रकाश ने कहा कि जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में गन्ने के रेट बढ़ाए, तो राजेवाल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को लड्डू खिलाए थे. दूसरी ओर हरियाणा के मुख्यमंत्री ने हरियाणा में पंजाब से भी ज्यादा गन्ने का रेट दिया, फिर भी राजेवाल उन्हें जर्नल डायर की संज्ञा दे रहे हैं.
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किसान नेता ने कहा कि एमएसपी किसानों के लिए सबसे बड़ा धोखा है, क्योंकि एमएसपी किसानों को ध्यान में रखकर नहीं बल्कि उपभोक्ताओं को ध्यान में रखकर तैयार की जाती है. खुला बाजार एमएसपी से ज्यादा बेहतर है. इसका उदाहरण हम सरसों खरीद में देख ही चुके हैं. सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4600 रुपये है, लेकिन खुले बाजार में किसानों ने सरसों ₹8000 तक के रेट में बेची है. अभी तो बाजार खुला नहीं है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कानूनों पर रोक लगा रखी है. जब बाजार खुलेगा तभी से किसानों को बहुत फायदा होगा.