चंडीगढ़: प्रदेश सरकार राईस मिलर्स के गारंटर से वसूली करेगी. राइस मिलरों द्वारा सरकार के पैसे न चुकाने पर ये राशि उनके गारंटर से वसूली जाएगी. इस राशि को चुकाने के लिए विभाग ने पांच फरवरी तक इन्हें गायब धान की राशि व्याज सहित जमा करवाने के आदेश जारी किए हैं.
ये जानकारी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने दी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में धान का घपला करने वाले 1207 राइस मिलर्स में से अभी तक 450 मिलर्स ने ही अपना जवाब भेजा है. जबकि सभी से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के द्वारा जवाब तलब किया गया था.
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास गारंटर से होगी वसूली
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि अब विभाग ने इन पर सख्त कदम उठाते हुए पांच फरवरी तक इन्हें गायब धान की राशि व्याज सहित जमा करवाने के आदेश जारी किए हैं.
सरकार ने इसके साथ ही इनके गारंटरों को भी लिख दिया है कि अगर मिलर ये राशि जमा नहीं करवाएंगे तो ये सारी राशि गारंटरों से वसूली जाएगी. पीके दास के मुताबिक ये कुल राशि करीब 25 से 27 करोड़ रुपये के बीच है.
1207 मिलों को जारी किए गए नोटिस
1207 मिलों में धान की कमी पाए जाने के मामले में दास ने बताया कि जिन मिलों में धान की कमी पाई गई थी उन्हें नोटिस जारी किए गए थे. जिसमें इन मिलों से धान में कमी पाए जाने का कारण पूछा गया है. जबकि नोटिस में उन्हें ये भी पूछा गया है कि उन पर कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक कानूनी कार्रवाई क्यों न की जाए. नोटिस का जवाब देने के लिए इन मिलों को 15 जनवरी तक का समय दिया गया था.
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उन्होंने बताया कि नोटिस में ये भी लिखा गया था कि अगर 15 जनवरी तक मिलों का जवाब नहीं आता तो ये समझा जाएगा कि ये मिलें अपनी सफाई में कुछ नहीं कहना चाहते. घोटाला करने वाली मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिसमें उनसे घोटाले का पैसा रिकवर किया जाएगा.
वहीं उनके खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इनसे पैसा रिकवर करने की कार्रवाई में अभी कुछ समय लगेगा, इसके बाद इन पर मामला दर्ज करवाया जाएगा.