चंडीगढ़ःराज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सरसों तेल की आसमान छूती कीमतों पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के अधिकांश गरीब अपने खाने में सरसों तेल का इस्तेमाल करते हैं लेकिन बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने की सरकार की नीतियों के चलते सरसों का तेल गरीबों की पहुंच से बाहर हो गया है. यही कारण है कि बाजार में एक लीटर वाले सरसों तेल की बोतल करीब 214 रुपये में बिक रही है. जिसका सीधा खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने घरेलू खपत के लिए उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा देने के नाम पर पिछले साल 1 अक्टूबर, 2020 से सरसों तेल में ब्लेंडिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी. इसका परिणाम ये सरसों के तेल की कीमत 170 रुपये के आस-पास पहुंच गयी. लेकिन 2 महीने के अंदर ही बड़ी तेल कंपनियों के दबाव में सरकार ने सरसों के तेल में अन्य खाद्य तेल मिलाने पर पाबंदी की रोक 4 दिसंबर, 2020 को वापस ले ली लेकिन, कंपनियों ने फिर भी सरसों तेल के दाम नहीं घटाए.
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