चंडीगढ़: शुक्रवार का दिन हरियाणा की अनाज मंडियों में फसल खरीद का दूसरा दिन रहा, लेकिन फसल खरीद प्रक्रिया में सरकारी बदलाव और कई तकनीकि खामियों की वजह से प्रदेशभर में अभी तक फसल खरीद प्रभावी ढंग से नहीं हो पा रही है. हरियाणा में पहेल दिन फसल खरीद की बात करें तो हरियाणा की मंडियों में 10 हजार टन गेहूं आया, लेकिन खरीद दस फीसदी यानी एक हजार टन की ही हुई, इतनी कम खरीदारी होने के पीछे कई बड़े वजह सामने आ रहे हैं.
किसान और आढ़तियों का कनेक्शन ब्रेक
इस बार हरियाणा सरकार ने फसल खरीद प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव किए हैं, हालांकि सरकार का कहना है कि इन बदलावों से फसल खरीद प्रक्रिया किसानों के लिए ज्यादा सुविधाजनक और लाभकारी होगा. इन बदलावों में सबसे बड़ी बात ये है कि अब फसल की खरीद पर आढ़तियों को उनकी आढ़त राज्य सरकार देगी और इसे किसानों के भुगतान से नहीं काटा जाएगा, लेकिन सरकारी दावों पर प्रदेशभर के व्यापारी और किसान संगठन असहमत दिख रहे हैं.
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सरसों का सरकारी रेट बाजार से कम
सरसों किसान इस बार सरकारी खरीद में रूची नहीं दिखा रहे हैं, किसानों का कहना है कि उन्हें मंडियों से बाहर अच्छे भाव मिल रहे हैं, इसलिए वो सरकारी दामों पर अपनी फसल नहीं बेचेंगे. सिरसा की मंडी में सरसों लेकर पहुंचे किसानों का कहना है कि कुछ दिनों पहले इसी फसल का दम 56 या 5,700 रुपए प्रति किवंटल मिल रहा था, लेकिन आज 4,600 के आसपास मिल रहा है. उनका कहना है कि हमें सरकारी खरीद से कोई मतलब नहीं है, हमें जहां हमारी फसल के अच्छे दाम मिलेंगे हम अपनी फसल वहीं बेचेंगे.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बड़ी बाधा!
सरकार ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कहा है और अगर किसानों का इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं होगा तो वे अपनी फसल अनाज मंडी में नहीं बेच सकेंगे. हालांकि, अभी तक कई किसानों ने इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, ऐसे में उन्हें दिक्कत हो सकती है.
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किसानों को उनकी फसल मंडी में लाने के लिए समय के बारे में उनके मोबाइल फोन पर सूचना दी जाएगी. फसलों का समय पर भुगतान हो, इसके लिए संबंधित अधिकारियों को किसानों और आढ़तियों के खातों को सत्यापित करने के निर्देश दिए हैं.
- प्रदेशभर की मंडियों में कैसा रहा पहले दिन का हाल?
गोहाना: व्यापारियों को नहीं मिली फसल खरीद की जानकारी
सरकारी नियमों के बदलने की वजह से प्रदेश की बहुत सी मंडियों में पहले दिन फसल खरीद प्रक्रिया शुरू ही नहीं हुई. गोहाना के व्यापारियों का कहना था कि गेहूं की फसल की खरीद पहले दिन से शुरू नहीं हुई है, क्योंकि मार्केट कमेटी प्रशासन ने अभी तक खरीद करने के लिए कोई जानकारी नहीं दी है. ये भी जानकारी मुहैया नहीं करवाई गई है कि किस तरीके से खरीद होनी है.
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नूंह: अनाज मंडी में पहले दिन नहीं दिखी रौनक
नूंह जिले में सरसों की फसल के भाव सरकारी खरीद से ज्यादा होने की वजह से सरकारी खरीद के पहले दिन यानी कि 1 अप्रैल को अनाज मंडियों में खास रौनक देखने को नहीं मिली है. हालांकि दर्जनों किसान अपने ट्रैक्टर- ट्रॉली में गेहूं की फसल को लेकर जिला मुख्यालय नूंह की अनाज मंडी में जरूर पहुंचे, लेकिन ये पिछले सालों के मुताबिक बहुत कम है.