चंडीगढ़: भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने ऐसे परोपकारी व्यक्तियों (गुड समरिटन) को पुरस्कृत करने की योजना के दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसने किसी मोटर वाहन से हुई जानलेवा दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को तत्काल सहायता प्रदान करके और दुर्घटना के बाद बहुमूल्य समय के भीतर चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए अस्पताल या ट्रॉमा केयर सेंटर में पहुंचाकर उसका जीवन बचाया हो. इन पुरस्कारों के लिए जिला स्तरीय कमेटी करेगी नामों का अनुमोदन तथा राज्य स्तरीय निगरानी समिति राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों के लिए योग्य प्रस्तावों को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को आगे विचार के लिए नामित करेगी.
एक वर्ष में पांच बार मिल सकता सम्मान- इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य आम जनता को आपातकालीन स्थिति में सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने के लिए प्रेरित करना और सड़क पर संकटग्रस्त जीवन बचाने हेतु दूसरों का मार्गदर्शन करना तथा उनको प्रोत्साहित करना है. कोई भी शख्स जिसने किसी मोटर वाहन से हुई जानलेवा दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को तत्काल सहायता प्रदान करके और दुर्घटना के बाद बहुमूल्य समय के भीतर चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई हो, वह पुरस्कार प्राप्त करने का पात्र होगा. मुसीबत में मदद करने वाले व्यक्ति को एक वर्ष में अधिकतम 5 बार सम्मानित किया जा सकता है.
जिला स्तरीय कमेटी करेगी पुरस्कार के लिए अनुमोदन-प्रवक्ता ने बताया कि ऐसे नेक इंसानों के लिए पुरस्कार की राशि 5,000 रुपए प्रति घटना होगी. पुलिस स्टेशन/अस्पताल से सूचना मिलने पर, जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति मासिक आधार पर प्रस्तावों की समीक्षा और अनुमोदन करेगी. जिला स्तर पर मूल्यांकन समिति, जिसमें संबंधित क्षेत्र के जिला मजिस्ट्रेट, एसपी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आरटीओ (परिवहन विभाग) शामिल हैं, वे मुसीबत में मदद करने वाले व्यक्ति को भुगतान करने के लिए मामलों को मंजूरी देंगे और प्रदेश के परिवहन विभाग को अनुशंसा भेजेंगे.