चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम ने धोखाधड़ी के आरोप में मेसर्स पाश्चात्य एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पहले इस मामले की जांच चंडीगढ़ पुलिस कर रही थी, उसके बाद बुधवार को यह केस पुलिस ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दिया था. लेकिन अब इस मामले को ईओडब्ल्यू अपने स्तर पर जांच करेगा. बता दें कि कंपनी पर 2020 में चंडीगढ़ नगर निगम को 1.67 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी (बीजी) जमा कराने का आरोप है.
बता दें कि पिछले शनिवार को सेक्टर-17 थाने में मेसर्स पाश्चात्य एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. नगर निगम ने सेक्टर-17 थाने में पार्किंग कंपनी के निदेशकों संजय शर्मा और ललिता शर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत एफआईआर दर्ज की थी. कंपनी नगर निगम को पार्किंग ठेका के चलते 7 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क का भुगतान करने में विफल रही. बाद में कंपनी ने 1.67 करोड़ रुपये के तीन बैक गारंटी सिंडिकेट बैंक में सबमिट कागज नगर निगम में जमा करवा दिए.
वहीं जब नगर निगम ने गांरटी को कैश कराने के लिए बैंक को पत्र लिखा तो बैंक ने कागजों को सही मानने से इनकार कर दिया. बैंक का मानना है कि यह एक तरह से नकली कागज हैं. ठगी की रकम करोड़ों रुपये है. वहीं चंडीगढ़ पुलिस के पास मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने आगे की जांच के लिए ईओडब्ल्यू को केस सौंपा दिया. सेक्टर-17 पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंस्पेक्टर ओम प्रकाश ने बताया कि मैसर्स पाश्चात्य एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड-वह है फर्म जो पहले चंडीगढ़ में पार्किंग का प्रबंधन करती थी.