चंडीगढ़:केंद्र सरकार रेलवे के निजीकरण की योजना बना रही है. भारतीय रेलवे ने 109 रूटों पर ट्रेन चलाने के लिए निजी कंपनियों से रिक्वेस्ट फॉर क्वालीफिकेशन यानी आरएफक्यू आमंत्रित किया है. 109 रूट्स पर चलने वाली 151 ट्रेनों को निजी कंपनियों को दे दिया जाएगा. जिसके बदले सरकार उनसे पैसे वसूलेगी. जहां एक तरफ सरकार इस कदम को रेलवे की बेहतरी वाला बता रही है. वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध कर रहे हैं.
भारतीय रेलवे के निजीकरम के बारे में ईटीवी भारत ने पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल से खास बातचीत की. पवन बंसल ने कहा कि सरकार का ये फैसला सरासर गलत है. उन्होंने कहा भारतीय रेलवे में कई काम निजी कंपनी की ओर से किए जाते हैं, लेकिन रेल को चलाना रेलवे का मुख्य काम है. इस काम को निजी हाथों में नहीं दिया जा सकता, क्योंकि सरकार ने इसके लिए जिस तरह की शर्तें निर्धारित की हैं उनसे भारतीय रेलवे पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा और आम आदमी के लिए रेलवे का सफर करना मुश्किल हो जाएगा.
पवन बंसल ने कहा कि नियमों के अनुसार जब किसी स्टेशन से कोई प्राइवेट ट्रेन चलेगी तो उसके 15 मिनट पहले और उसके 15 मिनट बाद तक कोई भी सरकारी ट्रेन नहीं चलेगी. जिससे लोगों को मजबूरी में प्राइवेट ट्रेन में ही सफर करना पड़ेगा. सरकार ने किराए की जिम्मेदारी भी कंपनियों के हाथों में सौंप दी है. जिससे कंपनियां अपनी मर्जी से किराया तय करेंगी. इसके अलावा ट्रेन को किस स्टेशन पर रुकना है और किस स्टेशन पर नहीं रुकना है. ये भी कंपनियां को तय करेंगी. ऐसे में आम लोगों के लिए ट्रेन है अच्छा सौदा नहीं रह जाएंगी.