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भारतीय रेलवे को बर्बाद कर देगा ट्रेनों के निजीकरण का फैसला- पूर्व रेल मंत्री - पवन बंसल रेलवे निजीकरण

पवन बंसल ने कहा कि रेल को हमेशा से ही गरीबों का वाहन माना जाता रहा है, क्योंकि आज तक ट्रेनों का सफर गरीबों के हाथ में था लेकिन ट्रेनों का निजीकरण करने के बाद इसका किराया इतना ज्यादा बढ़ जाएगा जिससे गरीब लोग इसमें सफल नहीं कर पाएंगे.

former rail minister pawan bansal on privatization of trains
भारतीय रेलवे को बर्बाद कर देगा ट्रेनों के निजीकरण का फैसला- पूर्व रेल मंत्री

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Published : Jul 6, 2020, 4:18 PM IST

चंडीगढ़:केंद्र सरकार रेलवे के निजीकरण की योजना बना रही है. भारतीय रेलवे ने 109 रूटों पर ट्रेन चलाने के लिए निजी कंपनियों से रिक्वेस्ट फॉर क्वालीफिकेशन यानी आरएफक्यू आमंत्रित किया है. 109 रूट्स पर चलने वाली 151 ट्रेनों को निजी कंपनियों को दे दिया जाएगा. जिसके बदले सरकार उनसे पैसे वसूलेगी. जहां एक तरफ सरकार इस कदम को रेलवे की बेहतरी वाला बता रही है. वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध कर रहे हैं.

भारतीय रेलवे के निजीकरम के बारे में ईटीवी भारत ने पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल से खास बातचीत की. पवन बंसल ने कहा कि सरकार का ये फैसला सरासर गलत है. उन्होंने कहा भारतीय रेलवे में कई काम निजी कंपनी की ओर से किए जाते हैं, लेकिन रेल को चलाना रेलवे का मुख्य काम है. इस काम को निजी हाथों में नहीं दिया जा सकता, क्योंकि सरकार ने इसके लिए जिस तरह की शर्तें निर्धारित की हैं उनसे भारतीय रेलवे पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा और आम आदमी के लिए रेलवे का सफर करना मुश्किल हो जाएगा.

भारतीय रेलवे के निजीकरण पर क्या बोले पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल ?

पवन बंसल ने कहा कि नियमों के अनुसार जब किसी स्टेशन से कोई प्राइवेट ट्रेन चलेगी तो उसके 15 मिनट पहले और उसके 15 मिनट बाद तक कोई भी सरकारी ट्रेन नहीं चलेगी. जिससे लोगों को मजबूरी में प्राइवेट ट्रेन में ही सफर करना पड़ेगा. सरकार ने किराए की जिम्मेदारी भी कंपनियों के हाथों में सौंप दी है. जिससे कंपनियां अपनी मर्जी से किराया तय करेंगी. इसके अलावा ट्रेन को किस स्टेशन पर रुकना है और किस स्टेशन पर नहीं रुकना है. ये भी कंपनियां को तय करेंगी. ऐसे में आम लोगों के लिए ट्रेन है अच्छा सौदा नहीं रह जाएंगी.

पवन बंसल ने कहा कि रेल को हमेशा से ही गरीबों का वाहन माना जाता रहा है, क्योंकि आज तक ट्रेनों का सफर गरीबों के हाथ में था लेकिन ट्रेनों का निजीकरण करने के बाद इसका किराया इतना ज्यादा बढ़ जाएगा जिससे गरीब लोग इसमें सफल नहीं कर पाएंगे.

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पवन बंसल ने कहा कि सरकार का ये कहना है कि रेलवे को निजी हाथों में दिए जाने के बाद रेलवे की सूरत बदल जाएगी. रेलवे बेहतर स्थिति में आ जाएगी और यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं दी जा सकेंगी, लेकिन जब सरकार के पास सब संसाधन मौजूद हैं तो सरकार खुद रेलवे की सूरत को क्यों बदल रही? सरकार खुद यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं क्यों नहीं दे सकती?

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