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केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य व शिक्षा को किया गया नजरअंदाज, एक्सपर्ट से जानिए बजट में क्या मिला - budget 2022 highlights

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट 2022-23 पेश किया. जिसमें विभिन्न वर्गों के लिए कई घोषणाएं की गई. जिसे लेकर ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ CII के पूर्व चेयरमैन रोहित ग्रोवर के साथ बातचीत की. पढ़ें रिपोर्ट.

Rohit Grover reaction on Union Budget
Rohit Grover reaction on Union Budget

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Published : Feb 1, 2022, 7:34 PM IST

Updated : Feb 1, 2022, 8:08 PM IST

चंडीगढ़:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को संसद में आम बजट 2022-23 (Union Budget 2022) पेश किया. आम बजट में आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. जिससे मध्यम वर्गीय लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. हालांकि, कॉरपोरेट कर में राहत दी गई है. आम बजट में खासतौर पर इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की बात पर काफी ध्यान दिया गया है. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ सीआईआई के पूर्व चेयरमैन रोहित ग्रोवर से (Rohit Grover reaction on Union Budget) बात की.

ईटीवी भारत से बात करते हुए रोहित ग्रोवर ने कहा कि सरकार ने इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी फोकस रखा है. जहां तक इस बजट की बात है, तो सरकार ने इस बजट में भी कई ऐसी बातें शामिल की हैं, जिससे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को फायदा होगा और उसके साथ-साथ अन्य कई क्षेत्रों को भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से फायदा होगा. उदाहरण के लिए सरकार ने देश में 25 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण करने की घोषणा की है. अगर सड़कों का निर्माण होगा तो वहां पर कर्मचारियों की और कामगारों की जरूरत भी होगी. जिससे सड़कों के निर्माण के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा.

केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य व शिक्षा को किया गया नजरअंदाज, एक्सपर्ट्स ने बताई अपनी राय

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साथ ही रोहित ग्रोवर ने कहा कि बजट में कई जरूरी मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया गया. जैसे स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दे पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया. कोरोना के बाद से जहां स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता बढ़ी है और उसमें सुधार की जरूरत महसूस की जा रही है. उसे देखकर यह उम्मीद जताई जा रही थी कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी कुछ खास कदम उठाएगी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. जबकि देश को इस समय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की बहुत जरूरत है.

दूसरी ओर सरकार ने शिक्षा को भी नजरअंदाज किया है. शिक्षा को लेकर भी अच्छे खासे बजट की घोषणा की जानी थी जो नहीं की गई. क्योंकि इस समय देश में शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा नहीं है. कोरोना की वजह से शिक्षा के स्तर में गिरावट भी देखी जा रही है. हालांकि सरकार ने शिक्षा के लिए ही कंटेंट को तैयार करने और नए एजुकेशनल चैनल्स को खोलने की बात की है, लेकिन यह सब चीजें ऑनलाइन एजुकेशन में काम आती हैं. अगले 1 साल या 6 महीने में जब कोरोना खत्म हो जाएगा, तब हमें फिर से ऑफलाइन एजुकेशन की ओर जाना है. इसलिए उसको लेकर भी घोषणा की जानी चाहिए थी, जो नहीं की गई.

केंद्रीय बजट पर रोहित ग्रोवर की प्रतिक्रिया

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रोहित ग्रोवर ने कहा कि वित्त मंत्री ने 60 लाख नई नौकरियों को उत्सर्जित करने की बात भी कही है, लेकिन हमें यह समझना होगा कि सरकार खुद 60 लाख नौकरियां युवाओं को नहीं देगी. बल्कि ये अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से युवाओं तक रोजगार मुहैया करवाने के बाद की गई है. ग्रोवर ने कहा कि जब इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ेगा नए-नए निर्माण कार्य शुरू होंगे, तब प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से युवाओं को नौकरियां मिलेंगी. जैसे अगर निजी कंपनियों को बूस्ट मिलेगा, तब भी नई नौकरियां पैदा होंगी. अगर देश में सड़कें, रेलवे, पुल बनेंगे, नई इमारतें बनेंगी और नई कंपनियों खुलेगी तब भी नौकरियां पैदा होंगी.

साथ ही रोहित ग्रोवर ने कहा कि सरकार ने राज्यों के लिए बिना ब्याज के 1 लाख करोड़ रुपए का लोन देने की घोषणा भी की है. हालांकि ये अच्छी घोषणा है लेकिन इस पैसे को कहां खर्च करना है. यह राज्यों पर निर्भर करता है. अगर इस पैसे का सही इस्तेमाल होता है, तो इससे सभी राज्यों को काफी फायदा होगा.

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Last Updated : Feb 1, 2022, 8:08 PM IST

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