यमुनानगर:नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों के बावजूद हरियाणा के यमुनानगर जिले में लगे दो फॉर्मलडिहाइड प्लांट (formaldehyde plant) लगातार चल रहे हैं. खारवन रोड पर स्थित केमवुड और बूडिया रोड स्थित गोयल ओवरसिज फॉर्मलडिहाइड प्लांट को ना तो एनजीटी का डर है और ना ही यमुनानगर के प्रशासन और पोल्यूशन डिपार्टमेंट का. ये दोनों प्लांट देर रात शुरू हो जाते हैं और सुबह होने से पहले लाखों रुपये का काम कर बंद कर दिए जाते हैं. यहां तक की जब पोल्यूशन डिपार्टमेंट के अधिकारी और कर्मचारी निरीक्षण करने पहुंचते हैं तो अंदर से गेट बंद कर दिए जाते हैं.
पोल्यूशन डिपार्टमेंट की तरफ से ये प्लांट सील किए गए थे, लेकिन फिर भी चल रहे हैं. अब पोल्यूशन डिपार्टमेंट पहले की तरह ही फिर से गोलमोल जवाब देकर कार्रवाई की बात कह रहा है. बता दें कि, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 3 जून 2021 को नोटिस जारी कर देश भर में साल 2006 के बाद लगे ऐसे फार्मलडिहाइड प्लांट्स को बंद करने के आदेश जारी किए थे जिनके पास एनवायरमेंट क्लीयरेंस नहीं था. ऐसे ही 9 प्लांट्स हरियाणा के यमुनानगर में भी लगे हुए हैं. इनके पास भी एनवायरमेंट क्लीयरेंस नहीं है. जिन्हें बंद करने के लिए मीडिया ने ही यमुनानगर के पोल्यूशन डिपार्टमेंट के संज्ञान मे ये मामला लाया था. जिसके बाद इन प्लांट्स के खिलाफ कार्रवाई की गई थी.
NGT के आदेशों के बावजूद हरियाणा में चल रहे फॉर्मलडिहाइड प्लांट ये भी पढ़ें-हरियाणा के इन दो जिलों में थमी वैक्सीनेशन की रफ्तार, जानिए कितने लोगों को लग चुकी है वैक्सीन
इनको सील करने के साथ-साथ बिजली के कनेक्शन भी काटे गए थे, लेकिन अगले ही दिन इनके बिजली के कनेक्शन जोड़ दिए गए. जिसके बाद एक बार फिर से इनमें से कुछ प्लांट्स के चलने की बात सामने आई. इसके बाद पोल्यूशन विभाग की दोबारा नींद खुली और फिर से निरीक्षण किया गया. जहां पाया गया कि प्लांट्स पर लगी सील तोड़कर प्लांट चालू कर दिए थे. दोबारा से पोल्यूशन डिपार्टमेंट ने इन्हें री-सील किया. जिसके बाद फिर से बीती 13 अगस्त की देर रात ये प्लांट चल रहे थे.
पोल्यूशन डिपार्टमेंट को सूचित किया गया, लेकिन उनका कहना था कि स्वतंत्रता दिवस की छुट्टियों का फायदा उठाकर ये प्लांटस् शायद चल गए हों. जिसके बाद उन्हें इसका वीडियो प्रूफ भी दिखाया गया और फिर अगले दिन दोपहर बाद पोल्यूशन डिपार्टमेंट के अधिकारी मौके पर निरीक्षण करने पहुंचे, लेकिन इन दोनों प्लांट्स ने अपने गेट बंद कर लिए और अधिकारी काफी देर तक दरवाजे खटखटाते रहे और थक हारकर वापस लौट गए. इस दौरान फैक्ट्री का एक मजदूर मालिक से बात करवाने के लिए अधिकारियों के पास भी पहुंचा. जहां मालिक ने अधिकारियों को भी धमकाया कि आप किससे पूछकर यहां आए हैं.
ये भी पढ़ें-हरियाणा के इस जिले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 600 ई-रिक्शा को दिखाई हरी झंडी
इससे लग रहा था कि या तो पोल्यूशन डिपार्टमेंट की उनके साथ मिलीभगत है या फिर इन प्लांट्स के मालिकों से विभाग डरता है. वहीं इसी दिन रात को ये प्लांट फिर से चलते रहे. मीडिया जब सोमवार को पोल्यूशन डिपार्टमेंट ऑफिस पहुंचा तो पोल्यूशन डिपार्टमेंट के आरओ निर्मल सिंह का कहना था कि इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उन्होंने कहा कि मामला जिला उपायुक्त के संज्ञान में लाया गया है और प्रशासन से इनके खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मांगी गई है.
बता दें कि, फॉर्मलडिहाइड एक केमिकल है, जो प्लाइवुड बनाने में इस्तेमाल होता है. हरियाणा में इस केमिकल की लगभग 15 फैक्टरियां हैं. मुनाफा कमाने के चक्कर में संचालक ज्यादा से ज्यादा केमिकल तैयार कर स्टाक कर रहे हैं. इन फैक्ट्री के संचालन से प्रदूषण फैलता है. बहरहाल इस वाक्ये के बाद अब कई सवाल उठ रहे हैं. क्या जब गेट खुल नहीं खुल रहे थे तब पोल्यूशन डिपार्टमेंट पुलिस या प्रशासन की मदद नहीं मांग सकता था. 3 महीने बीत जाने के बावजूद अब तक पोल्यूशन डिपार्टमेंट इन प्लांट्स पर काबू क्यों नहीं पा सका, क्योंकि यमुनानगर में लगे बाकी सभी प्लांट्स बंद हैं और ये ही दोनों प्लांट्स सरेआम चलते हैं. फिलहाल पोल्यूशन डिपार्टमेंट पर ही सवाल उठ रहे हैं कि क्या आखिर इनकी मिलीभगत है या फिर विभाग को कोई डर है.
ये भी पढ़ें-हरियाणा में इस जिले से शुरू हुई पहली इलेक्ट्रिक बस, जानिए कितना होगा किराया