चंडीगढ़: हरियाणा में बाढ़ के कारण अभी भी कई क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त है. बाढ़ के कारण प्रदेश में लाखों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न है. सरकार ने प्रदेश के 12 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर किया है. सिरसा और फतेहाबाद जिले में बाढ़ का कहर अभी भी जारी है. प्रदेश के कई जिलों में एक बार फिर से लोगों को बाढ़ का डर सताने लगा है. पानीपत, करनाल, फरीदाबाद समेत कई ऐसे जिले हैं जहां बाढ़ की अशंका बनी हुई है.
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हरियाणा में अभी नहीं टला बाढ़ का खतरा: हरियाणा में 1463 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और प्रदेश में अभी भी बाढ़ का खतरा नहीं टला है. हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश और बादल फटने से फिर पानी मैदानी इलाकों की तरफ छोड़ा जा रहा है. हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी से प्रदेश के कई जिलों में एक बार फिर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. यमुना की तलहटी पर लगते गांव में फिर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है. यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. अगर हथिनी कुंड बैराज से पानी की ओर मात्रा छोड़ी गई तो फिर से वैसे ही फ्लड हालात उत्पन्न हो सकते हैं.
पानीपत में बाढ़ को लेकर प्रशासन अलर्ट: मौसम विभाग ने 26 और 27 को हरियाणा में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. ऐसे में पानीपत प्रशासन ने जिले में यमुना के तलहटी के गांव के लोगों से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की है. बताया रहा है कि अगर बारिश ज्यादा होती है तो फिर से हालात बिगड़ सकते हैं. पानीपत में यमुना तलहटी के एक गांव रहीमपुर खेड़ी का संपर्क टूट चुका है. वहां के सभी लोगों को रेस्क्यू कर दूसरे गांव में भेज दिया गया है.
पानीपत में बाढ़ को लेकर लोगों में डर. यमुना तटबंध को दुरुस्त करने का कार्य जारी: प्रशासन की ओर से यमुना किनारे के तटबंध को दुरुस्त करने का कार्य किया जा रहा है. जेसीबी मशीनों द्वारा यमुना के तट बंधों पर लगातार गश्त की जा रही है. दरअसल, पिछले दिनों यमुना का जलस्तर बढ़ने से रात 3:00 बजे आचानक कई गांवों में पानी घुस गया था. ऐसे में प्रशासन और नहरी विभाग के लोगों को इस बार आसपास तैनात किया गया है. जलस्तर बढ़ने और पानी रिहायशी इलाकों की तरफ आने पर गांव के लोगों को जल्द सूचित करने के लिए कहा गया है. बता दें कि, पानीपत जिले में बाढ़ से अब तक 1 व्यक्ति और करीब आधा दर्जन पशुओं की मौत हो चुकी है.
फरीदाबाद में लोगों को फिर से सता रहा बाढ़ का डर: फरीदाबाद में भी एक बार फिर लोगों को बाढ़ का खतरा सता रहा है. कुछ दिनों पहले ही लोगों को बाढ़ से राहत मिली थी. लगभग 15 दिन राहत कैम्पों में रहने के बाद जब यमुना नदी का जलस्तर कम हुआ तो लोग अपने घरों को लौट गए. लोगों को लगने लगा कि खतरा टल गया है, लेकिन बाढ़ का खतरा अभी नहीं टला है. जिले में यमुना नदी का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है. ऐसे में लोगों को चिंता सता रही है कि कहीं फिर से बाढ़ का सामना ना करना पड़े.
फरीदाबाद में फिर से लोगों को सता रहा बाढ़ का डर. ये भी पढ़ें:हरियाणा में बाढ़ से 1463 गांव प्रभावित, अबतक 40 लोगों की मौत, टांगरी नदी को लेकर गृहमंत्री ने सीएम को लिखा पत्र
फरीदाबाद जिला प्रशासन बाढ़ को लेकर अलर्ट: बाढ़ को लेकर फरीदाबाद प्रशासन पहले से भी ज्यादा अलर्ट है. प्रशासन लगातार लोगों से अपील कर रहा है कि जहां भी पानी भर रहा है, उन इलाके के लोग सुरक्षित स्थान पर आ जाएं. बता दें कि, हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यही वजह है कि फरीदाबाद के कई निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बाढ़ को लेकर बसंतपुर गांव के लोग काफी परेशान नजर आ रहे हैं. पिछले दिनों हथिनी कुंड बैराज का पानी फरीदाबाद के बसंतपुर, ददसिया, लतीपुर, राजपुरा, डूंगरपुर, लालपुर, अकूतपुर, छायसा, जुग्गी छायंसा, कामडा, अलीपुर, अगवानपुर, सोलड़ा, सिगरका, बागपुर, नचौली गांव में पहुंच गया था. इस दौरान किसानों को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था.
इंद्री में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा: यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज से दोबारा पानी छोड़ने से कई जगह समस्या खड़ी हो गई है. इंद्री में नाबियाबाद गांव के पास भारी कटाव हुआ है. ग्रामीण कटाव को रोकने के लिए प्रबंध करने में जुट गए हैं. लेकिन, इस कटाव को रोकने में ग्रामीण सफल नहीं हो पाए, जिसके बाद जिला प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई. फिलहाल इस कटाव को रोकने के लिए प्रशासन ने पत्थर मंगवाने शुरू कर दिए हैं. बता दें कि प्रशासन की ओर से यहां पर मिट्टी के कट्टे और पत्थरों से पानी को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा पानी रोकने के लिए पेड़ों को भी काट कर नदी किनारे राख जा रहा ताकि कटाव ना हो.