चंडीगढ़: हरियाणा की बेटी और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की आज पहली बरसी है. पिछले साल 6 अगस्त को उनका निधन हो गया था. सुषमा को लोग आज भी एक ऐसा नेता के तौर पर याद करते हैं, जिन्होंने केंद्रीय विदेश मंत्री रहते हुए ना जाने कितने जरूरतमंदों की मदद की. फिर चाहे वो किसी भी देश में फंसा भारतीय हो या फिर भारत में अपने बच्चे के इलाज के लिए वीजा मांग रहे पाकिस्तानी.
सदन में सुषमा स्वराज (फाइल फोटो) देश कर रहा सुषमा स्वराज को याद
आज पूरा देश पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को याद कर रहा है. दरअसल, लोग सुषमा स्वराज को बतौर विदेश मंत्री नहीं बल्कि संसद में खड़े होकर बड़े से बड़े नेता को चुप करा देने वाली प्रखर नेता को याद कर रहे हैं. सुषमा शब्दों की धनी नेता थीं. जब वो संसद में किसी भी विषय में बोलतीं थीं तो विपक्ष भी ध्यान लगागर सुनता था. जितनी स्पष्टता उनके शब्दों में होती थी, उनका चेहरा उतना ही शांत, लेकिन तेज से भरा होता था.
भाषण देती सुषमा स्वराज (फाइल फोटो) सीएम ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि
हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ट्वीट कर सुषमा स्वारज को याद किया. उन्होंने लिखा करोड़ों दिलों पर राज करने वाली, मृदुभाषी एवं ओजस्वी वक्ता, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की प्रथम पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि.
ये भी पढ़िए:हरियाणा: सुषमा स्वराज के सियासी सफर की अनसुनी कहानी, उनके राजनीतिक गुरू की जुबानी
सीएम के अलावा हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने भी ट्वीट कर सुषमा स्वारज को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट किया कि बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री,नारी शक्ति की प्रतीक,प्रखर वक्ता,कुशल संगठनकर्ता, हरियाणा की बेटी पूर्व विदेश मंत्री और पद्म विभूषित स्वर्गीय श्रीमती सुषमा स्वराज की पुण्यतिथि पर उन्हें सादर श्रद्धांजलि.
देवीलाल सरकार में 25 साल की उम्र में सुषमा स्वराज बन गई थीं कैबिनेट मंत्री, जानें उनका राजनीतिक सफर-
- सुषमा स्वराज का जन्म हरियाणा के अंबाला कैंट में 14 फरवरी, 1952 को हुआ था.
- अंबाला छावनी के एसएसडी कॉलेज से बीए करने के बाद उन्होंने चंडीगढ़ से लॉ किया था.
- 1973 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्रैक्टिस शुरू की थी.
- उनका विवाह सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील स्वराज कौशल से हुआ था.
- सुषमा स्वराज ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ की थी.
- उन्होंने आपातकाल के विरोध में सक्रिय प्रचार किया था.
- 1977 में उन्हें मात्र 25 वर्ष की उम्र में हरियाणा में चौ. देवीलाल की सरकार में सबसे युवा कैबिनेट मंत्री बनीं थी और 27 वर्ष की उम्र में वो राज्य में भाजपा जनता पार्टी की प्रमुख बनी थीं.
- 2014 में मोदी सरकार में उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया था.
- उनके साथ कई दूसरी विशेषताएं भी जुड़ी थीं. वो किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता, भाजपा की पहली महिला मुख्यमंत्री, पहली केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, महासचिव और नेता प्रतिपक्ष रह चुकी हैं.
- वो भारतीय संसद में अकेली महिला सांसद थीं, जिन्हें असाधारण सांसद का पुरस्कार मिल चुका है.
- वो भाजपा की एकमात्र नेता थीं, जिन्होंने उत्तर और दक्षिण भारत, दोनों क्षेत्रों से चुनाव लड़ा.