चंडीगढ़: हरियाणा के जिला पंचकूला में एक अजीबो गरीब मामला सामने आए. कोरोना काल जहां आम लोगों के लिए पीड़ा से भरा था. वहीं, पंचकूला नगर निगम के अधिकारियों द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण से जिन लोगों की मौत हुई, उनकी की संख्या वास्तविकता से अधिक दिखाई गई और अब ये मामला एंटी करप्शन ब्यूरो तक पहुंच गया है. जिसके बाद नगर निगम के छह अधिकारियों पर गाज गिरी है. निगम के 6 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर दी गई है.
एंटी करप्शन ब्यूरो तक पहुंचा मामला: जानकारी के मुताबिक कोरोना के कारण देश में जहां लगातार लोगों की मौत हो रही थी. वहीं, हरियाणा के जिला पंचकूला में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की मौत हुई थी, उनका अंतिम संस्कार नगर निगम द्वारा सरकारी खर्च पर किया जा रहा था. जिसके चलते नगर निगम के अधिकारियों द्वारा मरने वाले मरीजों की संख्या अधिक बता कर सरकार से अधिक पैसे वसूले गए हैं. ऐसे में यह मामला एंटी करप्शन ब्यूरो के सामने लाया गया.
जानिए क्या थे आदेश:बता दें कि कोरोना काल के दौरान हरियाणा सरकार और स्थानीय शहरी निकाय विभाग द्वारा आदेश दिए थे, कि कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार में 5 सदस्य टीम के प्रत्येक सदस्य को 2000 रुपये देने के आदेश थे. ऐसे में पंचकूला के दो श्मशान घाट में सेक्टर 20 और 28 के श्मशान घाट शामिल हैं. जिनमे कोरोना के मरीजों का संस्कार किया गया.
सरकार को लगाया चूना: वहीं नगर निगम पंचकूला के अधिकारियों द्वारा सरकार को दिए आंकड़े में पंचकूला नागरिक अस्पताल के रिकॉर्ड में शहर में कोरोना संक्रमण से 478 लोगों की मौत हुई. वहीं, जांच में पाया गया है कि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार कोरोना संक्रमित 377 लोगों की मृत्यु की बात सामने आई थी. जबकि पंचकूला के श्मशान घाटों में लगभग एक हजार शवों का अंतिम संस्कार किया गया है. ऐसे में नगर निगम के कर्मचारियों ने मरने वालों की संख्या ज्यादा दिखाकर उनके संस्कार का खर्च हरियाणा सरकार से वसूल किया.