चंडीगढ़: सेक्टर-4 निवासी चंडीगढ़ के व्यवसायी सुबोध कुमार को 6 अगस्त को होटल माउंटव्यू के बाहर एक तेज रफ्तार सफेद एसयूवी ने कुचल दिया था. वहीं, इस केस की 14 मार्च को फाइनल हियरिंग है. ऐसे में सुबोध कुमार के परिवार का कहना है कि आखिर एक लम्बी लड़ाई के बाद उन्हें जस्टिस मिल सकेगा.
दरअसल, सात साल पहले चंडीगढ़ के सेक्टर-10 मांउट व्यू के बाहर हुए हिट एंड रन केस में चंडीगढ़ के जाने माने बिजनेसमैन सुबोध कुमार की मौत हो गई थी. इस हादसे को अंजाम देने वाले पंजाब के म्यूजिक डायरेक्टर हरसनजीत सिंह चहल को दोषी पाया गया था. वहीं, दोषी को सख्त सजा दिलवाने के लिए व्यापारी के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट से दोषी को सजा दिलवाई.
अब सुबोध कुमार के परिवार की ओर से मांग की जा रही है कि हिट एंड रन केसों को इंडियन मोटर व्हीकल एक्ट से हटाकर इंडियन पिनल कोड सेक्शन 304 भाग (2) के अंडर लिया जाए ताकि उनके जैसे कितनों ही परिवारों को इंसाफ मिल सके और आरोपियों को सख्त सजा दी जा सके.
वहीं, मामले में आज भी सुबोध कुमार की बेटियां और पत्नी की ओर ज्यूडिशियल सिस्टम के दिए जाने वाले आखिरी निर्णय का इंतजार कर रही हैं. बता दें कि दोषी हरसनजीत सिंह चहल म्यूजिक डायरेक्टर पिछली सुनवाई पर अपना जुर्म कबूल कर चुके हैं. इसके साथ ही दो चश्मदीद गवाह भी अपनी गवाही दे चुके हैं. वहीं, इसके बावजूद फैसला आने से पहले हरसनजीत का दूसरा आर्म्स एक्ट का केस सामने आ गया है, जिसके चलते दोषी हरसनजीत सिंह चहल पटियाला जेल में कैद हैं, जिसमें वो अभी भी कस्टडी में हैं जिसकी एफआईआर सलंग्न है.