चंडीगढ़: 16 अक्टूबर का दिन दुनिया भर में वर्ल्ड फूड डे के तौर पर मनाया जाता है, जिसका मकसद होता है लोगों को अच्छे खान-पान के बारे में जागरूक करना. लोगों को यह बताना कि उनके लिए क्या खाना सही है और क्या गलत. इस मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर सोनू गोयल से बात की. जिसमें उन्होंने हमें खानपान की आदतों से जुड़े गहरे रहस्यों के बारे में बताया.
प्रोफेसर सोनू गोयल ने बताया कि भारतीय संस्कृति में बहुत से तीज त्योहारों और दिनों के हिसाब से लोग व्रत करते हैं और धार्मिक दृष्टि से इसे अच्छा माना जाता है, लेकिन व्रत का महत्व मेडिकल साइंस में भी बहुत ज्यादा है. व्रत करने से हमारे डाइजेशन सिस्टम को बहुत आराम मिलता है. व्रत करने से जब हम पूरा दिन कुछ नहीं खाते या बेहद कम खाते हैं. उससे हमारे पाचन तंत्र को रिकवरी करने का समय मिल जाता है. ताकि सभी अच्छे से काम करते रहें.
प्रोफेसर सोनू गोयल ने अपनी बात को अच्छे से समझाने के लिए बताया कि व्रत के दौरान गॉल ब्लैडर, लीवर, पैंक्रियास, आंतें, स्टमक आदि सभी अंगों को आराम मिलता है. वह बेहतर तरीके से काम करने के लिए तैयार होते हैं. अगर हमारा पाचन तंत्र सही तरीके से काम करेगा तो हम बहुत-सी बीमारियों से बचे रहेंगे. यहां तक कि हम मधुमेह जैसी बीमारियों से भी जीवन भर बचे रहेंगे.
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तला खाना नहीं खाना चाहिए: डॉ. सोनू गोयल ने बताया कि व्रत के साथ हमें एक सावधानी और बरतनी चाहिए. बहुत बार हम देखते हैं कि लोग पूरा दिन व्रत करते हैं, लेकिन शाम को व्रत खोलने के साथ ही वे काफी चिकना तला और मसालेदार खाना खा लेते हैं. हमें ऐसा नहीं करना चाहिए. व्रत खोलने के बाद हमें पानी-पीना चाहिए और हल्का खाना खाना या फल खाना चाहिए. उन्होंने कहा कि तला हुआ खाना खाने से हमारे पाचन तंत्र पर ज्यादा असर पड़ता है, ऐसे में सारा दिन व्रत रखने का कोई फायदा नहीं होगा.