चंडीगढ़ः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि वे अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली के बुराड़ी मैदान में चले जाएं. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों से सशर्ता वार्ता करने को तैयार है. लेकिन गृह मंत्री की अपील के बाद किसान और नाराज नजर आए. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का कहना है कि वो शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व से ही बातचीत करेंगे.
किसानों के लिए है धमकी!
एआईकेएससीसी का कहना है कि सरकार को तुरंत ही इस मामले में राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों और गृहमंत्रालय की तरफ से बात करने के जरिए को बंद कर देना चाहिए. किसान उम्मीद करते हैं कि इसका समाधान राजनीतिक होगा. उनका कहना है कि किसान उसी से बातचीत करेंगे जो सरकार के सर्वोच्च स्तर से आएगा. सरकार का गृह मंत्रालय को शामिल करने का प्रस्ताव किसानों के लिए एक धमकी के अलावा कुछ नहीं है और ये उसकी ईमानदारी के प्रति कोई विश्वास पैदा नहीं करता.
1 दिसंबर से राज्य स्तर पर विरोध
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय के वर्किंग ग्रुप ने सभी किसान संगठनों से अपील की है कि तुरंत दिल्ली की ओर किसानों की गोलबंदी तेज करें. उसने सभी कॉरपॉरेट विरोधी, किसान पक्षधर ताकतों से अपील की है कि वे एक साथ मिलकर विरोध आयोजित करें. अखिल भारतीय गोलबंदी को तेज करने के साथ-साथ उसने 1 दिसम्बर 2020 से राज्य स्तर पर विरोध आयोजित करने की अपील की है.