चंडीगढ़:कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच अब हरियाणा सरकार के लिए कुछ राहत नजर आ रही है. दरअसल, हरियाणा में किसान संगठनों ने ये ऐलान किया था कि गणतंत्र दिवस के मौके पर बीजेपी और जेजेपी नेताओं को ध्वजारोहण नहीं करने देंगे, लेकिन अब किसान संगठनों ने ये फैसला लिया है कि वो गणतंत्र दिवस पर इन नेताओं का विरोध नहीं करेंगे और शांतिपूर्ण तरीके से गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाएंगे.
किसान सीएम का विरोध नहीं करेंगे
गणतंत्र दिवस पर सीएम मनोहर लाल पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में तिरंगा फहराएंगे. इसको लेकर पानीपत जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. वहीं किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशासन ने किसान संगठनों के साथ बैठक की. बैठक के बाद किसानों ने ये भरोसा दिलाया कि वो सीएम के कार्यक्रम का विरोध नहीं करेंगे, क्योंकि ये राष्ट्र के गौरव का कार्यक्रम है.
'26 जनवरी को नहीं करें किसी नेता का विरोध'
हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने वीडियो जारी कर किसानों से अपील की है. चढूनी वीडियो में कह रहे हैं कि हरियाणा में 26 जनवरी के दिन किसी भी मंत्री या फिर नेता का विरोध ना करें. अगर कोई मंत्री या विधायक झंडा फहराने जा रहा था तो उन्हें ना रोकें, क्योंकि अगर हम ऐसा करेंगे तो लोगों के बीच गलत संदेश जाएगा.
प्रशासन ने ली राहत की सांस!
हरियाणा में किसान संगठनों ने प्रशासन को ये भरोसा दिलाया है कि वो गणतंत्र दिवस पर किसी भी मंत्री या नेता का विरोध नहीं करेंगे. ऐसे में प्रशासन ने अब राहत की सांस ली है. करनाल जिला उपायुक्त का कहना है कि किसान गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे.
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सरकार और प्रशासन ने किसानों को ट्रैक्टर परेड की इजाजत दी और किसानों ने गणतंत्र दिवस पर नेताओं के विरोध से पैर पीछे खींच लिए. किसान लगभग दो महीने से दिल्ली के मुहाने पर बैठे हैं और ये धरना अभी तक बिल्कुल शांत है. गणतंत्र दिवस पर भी अगर सबकुछ शांतिप्रिय तरीके से निपटा तो ये आंदोलन अपने आप में और बड़ा होने के साथ अनुशासित हो जाएगा.