चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को हरियाणा सरकार के 2500 दिन पूरे (Haryana government completes 2500 days) होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरकार की उपलब्धियां गिनवाई. सीएम खट्टर की प्रेस कॉन्फ्रेंस को देखते हुए चंडीगढ़ में सुरक्षा कड़ी की गई. किसानों के प्रदर्शन (Chandigarh Farmers Protest) को देखते हुए प्रशासन ने चंडीगढ़ को किले में तब्दील कर दिया. चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा.
इस बीच किसान भी बड़ी संख्या में प्रेस क्लब के बाहर इकट्ठा हो गए. हालांकि पुलिस ने किसानों को सेक्टर-20 की मस्जिद के पास रोक लिया. जिसके बाद किसानों ने सड़क पर बैठककर जाम लगा दिया. जब तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस पूरी नहीं हुई. तब तक किसानों का प्रदर्शन जारी रहा. किसानों ने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. किसानों ने बीजेपी सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए. किसानों ने करनाल में हुए लाठीचार्ज की भी निंदा की.
एक तरफ सरकार की उपलब्धियां गिनवा रहे थे सीएम, दूसरी तरफ पोल खोल रहे थे किसान बता दें कि 28 अगस्त को पंचायती चुनाव को लेकर बीजेपी की संगठन मीटिंग का आयोजन करनाल में किया गया था. इस दौरान किसी भी रास्ते से शहर में प्रवेश करने पर रोक लगाई गई थी. किसानों ने बीजेपी नेताओं को काले झंडे दिखाकर विरोध जताने की तैयारी की थी. इसके लिए वे शहर में आना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें घुसने नहीं दिया.
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ऐसे में किसानों ने घरौंडा टोल प्लाजा पर ही बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ को काले झंडे दिखाए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कुछ समय के बाद दूसरे नेताओं का विरोध जताने के लिए किसानों ने टोल की क्रॉसिंग पर जाम लगा दिया. जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया. इस दौरान बचने के लिए किसान खेतों में भागने लगे, लेकिन पुलिस जवानों ने खेतों में भी किसानों का पीछा किया और लाठी-डंडों से उनकी पिटाई की. इसके बाद माहौल गरमा गया. इस बीच एसडीएम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिसमें एसडीएम पुलिस कर्मियों के किसानों के सिर फोड़ने का आदेश दे रहे हैं. इसके बाद से मामला तूल पकड़ गया.