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एक तरफ किसान तो दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार को घेरेगी, कैसे निपटेंगे मनोहर लाल? - ओपी चौटाला ताजा खबर

इस जुलाई हरियाणा में सियासी पारा बढ़ सकता है, क्योंकि मानसून की दस्तक के साथ ही कई मोर्चों पर हरियाणा सरकार को घेरने की तैयारी है. एक तरफ पेट्रोल-डीजल के दामों में लगी 'आग' पर हरियाणा कांग्रेस हल्ला-बोल की तैयारी कर रही है. वहीं दूसरी तरफकिसानों का आठ महीनों से जारी आंदोलन प्रदेश सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है.

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जुलाई में बढ़ सकता है सियासी पारा

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Published : Jun 30, 2021, 10:47 PM IST

चंडीगढ़: मानसून की दस्तक के बाद जुलाई के महीने में हरियाणा के लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है, लेकिन यही जुलाई का महीना सूबे में सियासी पारा बढ़ा सकता है. ऐसे में इस महीने हरियाणा सरकार को राहत मिलेगी.इसकी संभावना थोड़ी कम ही है, क्योंकि जुलाई महीने में हरियाणा सरकार को कई मोर्चों पर घेरने की तैयारी की गई है. फिर चाहे वो बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम ही क्यों ना हों.

बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों पर हरियाणा कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को घेरने की पूरी तैयारी की है. जुलाई में कांग्रेस ब्लॉक स्तर पर जाकर हरियाणा सरकार के खिलाफ हुंकार भरेगी. हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 75 डॉलर प्रति बैरल है फिर भी देश में तेल के दाम 100 रुपये से भी पार हो चुके हैं.

इस जुलाई बढ़ेगा सियासी पारा!

बता दें कि हरियाणा में पेट्रोल और डीजल की कीमतों (Haryana Petrol Diesel Price) में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. 29 जून को हरियाणा में पेट्रोल की कीमत 95.95 रुपये प्रति लीटर थी, वहीं आज यानी 30 जून को प्रदेश में पेट्रोल का रेट 96.29 रुपये प्रति लीटर हो गया है. पेट्रोल की कीमत में 34 पैसे की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसी तरह, प्रदेश में डीजल का रेट भी बढ़ा है. मंगलवार यानी 29 जून को सूबे में डीजल की कीमत 89.24 रुपये प्रति लीटर थी. वहीं आज डीजल की कीमत 89.56 रुपये प्रति लीटर हो गई है. डीजल का रेट 32 पैसे बढ़ा है.

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एक तरफ कांग्रेस तो दूसरी तरफ आठवें महीने में प्रवेश कर चुका किसान आंदोलन जो आने वाले जुलाई महीने में हरियाणा सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है, क्योंकि किसान नेता जुलाई के महीने में आंदोलन को और मजबूत करने की कोशिश करेंगे.

30 जून के पेट्रोल-डीजल के दाम

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किसान नेता राकेश टिकैत भी ये साफ कह चुके हैं कि जुलाई के महीने में आंदोलन को और भी ज्यादा बड़ा करने की योजना बनाई गई है. उन्होंने बताया कि 9 जुलाई से ट्रैक्टर यात्रा शामली से निकाली जाएगी. 9 जुलाई को ये यात्रा बागपत में रुकेगी. जहां से यात्रा 10 जुलाई को सिंघु बॉर्डर पहुंचेगी. इसके अलावा बिजनौर से 24 जुलाई को ट्रैक्टर यात्रा चलेगी, जिसमें बिजनौर और मेरठ के किसान रहेंगे और ये ट्रैक्टर यात्रा 25 जुलाई को गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचेगी.

कृषि कानूनों के खिलाफ जारी हैकिसान आंदोलन

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एक तरफ पेट्रोल-डीजल के दामों में लगी 'आग' तो वहीं दूसरी तरफ किसानों का आठ महीनों से जारी आंदोलन प्रदेश सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. उधर अभय चौटाला तो पहले ही ओपी चौटाला के जेल से बाहर आने के बाद से नौ-नौ हाथ कूद रहे हैं.

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