चंडीगढ़: बुधवार को सातवें दिन भी किसान कड़कती ठंड में कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा-दिल्ली सिंघु बॉर्डर पर डटे रहे. बुधवार शाम को फिर से किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें उन्होंने कहा कि हमने सरकार को हरा दिया है, क्योंकि ये आंदोलन पूरे देश का आंदोलन है. सरकार की किसान संगठनों को तोड़ने की साजिश को भी हमने तोड़ दिया है. किसानों ने कहा कि हम कल सरकार को 10 पेज का तर्क लिख कर भेजेंगे, जिसमें वो बताएंगे कि ये कानून क्यों रद्द होने चाहिए.
किसान प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें
⦁ केंद्र सरकार विशेष सत्र बुलाकर इन तीनों कानूनों को रद्द करे
⦁ पूरे देश के किसान 5 दिसंबर को पीएम मोदी का पुतला फूकेंगे
⦁ 7 तारीख को नेशनल अवॉर्डी अपने अवॉर्ड वापिस करेंगे
⦁ सरकार इसको खतरे की घण्टी समझे
⦁ विदेशों की सरकारें भी दुःख किसानों के लिए प्रकट कर रही हैं
इससे पहले मंगलवार को सरकार और किसानों के बीच बातचीत बेनतीजा रही. जिसके बाद गृहमंत्री अमित शाह के घर बुधार को हाई लेवल मीटिंग हुई. जिसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल मौजूद रहे. खास बात ये है कि मंगलवार की मीटिंग में इन्हीं मंत्रियों के साथ किसानों की बातचीत हुई थी. सरकार ने ये बैठक किसानों की बैठक से पहले की. सरकार ने उम्मीद जताई कि जल्द ही मामले का समाधान निकाला जाएगा.
किसानों के आंदोलन पर क्या बोले कृषि मंत्री जेपी दलाल?
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि मैं सभी किसान भाइयों से कहूंगा कि सद्बुद्धि से काम लें, वार्ता करें. ये अच्छी बात नहीं है कि दिल्ली का पानी बंद कर देंगे, दिल्ली के रास्ते बंद कर देंगे, दिल्ली को घेर कर बैठ जाएंगे. ये लाहौर या कराची नहीं है, ये देश की राजधानी है.
किसानों को खापों का समर्थन
इस बीच किसानों को दूसरे संगठनों और आम लोगों का भी भरपूर साथ मिल रहा है. किसान आंदोलन में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. किसानों का समर्थन करने पेशे से उद्योगपति मेघा और जसप्रीत पंजाब के संगरूर जिले से सिंघु बॉर्डर तक साइकिल चलाकर पहुंचें. दोनों ने साइकिल से करीब 200 किलोमीटर की यात्रा की. इस बीच बड़ी संख्या में किसान भी पंजाब से सिंघु बॉर्डर पहुंचे.
हरियाणा की खाप पंचायतों ने भी किसानों के समर्थन में दिल्ली कूच करना शुरू कर दिया है. जींद में खाप पंचायतों के नेताओं ने कहा कि अगर 3 दिसंबर को सरकार से बात नहीं बनती है, तो फिर वो दिल्ली जाने वाले फल, दूध, सब्जियों की सप्लाई बंद कर देंगे. यहां किसान नेता घर घर जाकर लोगों से दिल्ली चलने की अपील कर रहे हैं. इसके इलावा चरखी दादरी में फौगाट खाप ने ट्रैक्टर-ट्रालियों के जत्थे के साथ दिल्ली के लिए कूच किया. इस दौरान उनके साथ विभिन्न संगठनों के लोग भी मौजूद रहे.
दिल्ली से लगते बॉर्डर किए गए सील
किसान आंदोलन के चलते हरियाणा पुलिस ने सभी बॉर्डरों पर चौकसी बढ़ा दी है. हालांकि आंदोलन में शामिल होने के लिए किसान लगातार बॉर्डरों पर पहुंच रहे हैं. दिल्ली के चार बड़े बॉर्डर अब भी पूरी तरह से सील हैं.
दिल्ली से लगते ये चार बॉर्डर सील
⦁ हरियाणा दिल्ली सिंघु बॉर्डर
⦁ बहादुरगढ़ दिल्ली टिकरी बॉर्डर
⦁ दिल्ली-नोएडा चिल्ली बॉर्डर
⦁ उत्तर प्रदेश दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर
वहीं फरीदाबाद पुलिस ने दिल्ली-फरीदाबाद बदरपुर बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी है. बदरपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. पलवल में किसानों की महापंचायत को देखते हुए फरीदाबाद पुलिस अलर्ट रही.
कौन से बॉर्डर हैं खुले?
⦁ नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाला डीएनडी खुला है
⦁ नोएडा-दिल्ली जाने के लिए नेशनल हाईवे-24 भी खुला
⦁ गुरुग्राम-दिल्ली को जोड़ने वाला धनसा, दौराला, कापसहेड़ा बॉर्डर खुला
⦁ दिल्ली-जयपुर को जोड़ने वाला राजोकरी नेशनल हाईवे 8 बिजवासन खुला
⦁ पालम विहार और धुंधाहेड़ा बॉर्डर से भी आवाजाही जारी
हालांकि फरीदाबाद के बदरपुर बॉर्डर पर हालात और दिनों की तरह सामान्य ही हैं, लेकिन आज यहां भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. इसका मुख्य कारण पलवल में हो रही किसानों की महापंचायत को माना जा रहा है. उसी के मद्देनजर किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए बॉर्डर पर पुलिस बल तैनात किया गया है.
दिल्ली जाने वालों के लिए डायवर्ट किए गए रूट
हरियाणा पुलिस द्वारा स्टेट मार्ग और नेशनल हाईवे पर बॉर्डर की तरफ जाने वाले भारी वाहनों को केएमपी और केजीपी के जरिए दिल्ली की तरफ रवाना किया जा रहा है. नेशनल हाईवे-44 पर भारी वाहनों का बॉर्डर की तरफ जाना बंद कर दिया गया है और दिल्ली की तरफ जाने वाले वाहनों को केएमपी की और केजीपी की तरफ डायवर्ट किया जा रहा है.
चंडीगढ़: किसानों के समर्थन में कांग्रेस का प्रदर्शन
चंडीगढ़ में यूथ कांग्रेस और NSUI ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खिलाफ प्रदर्शन किया. यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि सीएम को किसानों से माफी मांगनी चाहिए, जिस तरह हरियाणा में किसानों पर बल प्रयोग किया गया है वो गलत है. इस दौरान पुलिस ने यूथ कांग्रेस के लोगों पर पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया.
एशिया के सबसे बड़े कंबल उद्योग को 450 करोड़ का नुकसान
किसान आंदोलन का असर उद्योगों पर भी देखने को मिल रहा है. पानीपत में स्थित एशिया का सबसे बड़े कंबल उद्योग किसान आंदोलन की वजह से सूना पड़ा है. यहां के कंबल की मांग जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक है. यहां तक विदेशों में भी पानीपत से कंबल सप्लाई होते हैं, लेकिन दिल्ली के रास्ते बंद होने की वजह से ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. दुकानदारों की मानें तो पिछले 7 से 8 दिनों में पानीपत कंबल उद्योग को लगभग 450 करोड़ का नुकसान हो चुका है. पानीपत जिला व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुरेश बवेजा ने बताया कि पानीपत में छोटे-बड़े उद्योग मिलाकर कुल 4000 दुकानदार हैं. रोजाना जिस मार्केट की कमाई 30 करोड़ के लगभग होती थी. आज वो सिमटकर जीरो पर आ गई है.
हाई कोर्ट के वकील फ्री में लड़ेंगे किसानों के मुकदमे
किसानों के समर्थन में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के कई सीनियर और जूनियर वकील आगे आए हैं. वकीलों ने किसानों पर दर्ज मुकदमे फ्री में लड़ने का ऐलान किया है. वकीलों ने कहा कि जिन किसानों पर इस आंदोलन के दौरान एफआईआर दर्ज हुई हैं. हम उनके केस बिना किसी फीस के लड़ेंगे. हाई कोर्ट के सीनियर वकील नवकिरण सिंह ने कहा कि आंदोलन कर रहे कई किसानों पर कई केस दर्ज किए गए हैं, जो गलत हैं.