चंडीगढ़: सोमवार को हरियाणा-दिल्ली सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें किसानों ने कहा कि हमने रविवार को सरकार के सशर्त आमंत्रण को रद्द कर दिया था. क्योंकि बीजेपी के मुंह में राम और बलग में छुरी है. खबर आ रही थी कि कई केंद्रीय मंत्री और गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से बातचीत की है. इसपर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि इन बातों में कोई सच्चाई नहीं है. उन्होंने कहा कि ये संघर्ष अकेले हरियाणा और पंजाब के किसानों का नहीं बल्कि पूरे देश का संघर्ष है. किसानों ने बताया कि 1 दिसंबर से हरियाणा की खाप पंचायतें भी आंदोलन में शामिल हो जाएंगी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस मे किसानों ने क्या कहा?
⦁ हमारी किसी केंद्रीय मंत्री से कोई बात नहीं हुई है
⦁ मांगे नहीं माने जाने तक जारी रहेगा प्रदर्शन
⦁ सिर्फ पंजाब के किसान नहीं बल्कि देश के किसान कर रहे प्रदर्शन
⦁ 30 किसान संगठनों का एक समूह रोजाना करता है बैठक
इस बीच दिल्ली टैक्सी यूनियन और ट्रक यूनियन ने किसानों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि अगर किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो वो (दिल्ली टैक्सी और ट्रक यूनियन) 3 दिसंबर से हड़ताल पर जाएंगे.
फरीदाबाद-दिल्ली बदरपुर बॉर्डर भी सील करेंगे किसान
भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने फरीदाबाद-दिल्ली बदरपुर बॉर्डर को जल्द ही बंद करने की चेतावनी दे दी है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव रतन सिंह सौरोत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि फरीदाबाद और पलवल के किसान बदरपुर बॉर्डर को सील करेंगे और मांगें पूरी होने के बाद ही बॉर्डर को खोला जाएगा.
बढ़ रही हैं सरकार की मुश्किलें
कृषि कानून को लेकर अब किसान और सरकार आमने-सामने हो गए हैं. ना किसान पीछे हटने को तैयार हैं और ना ही सरकार शायद झुकने को तैयार. दिन बढ़ने के साथ-साथ किसान का आंदोलन और भी उग्र होता जा रहा है. एक तरफ सर्व खाप ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है तो दूसरी तरफ हरियाणा सब्जी मंडी आढ़ती संगठन ने भी किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है. हरियाणा सब्जी मंडी आढ़ती संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र ठकराल ने कहा कि प्रदेश की 113 सब्जी मंडियों के प्रधान के साथ बातचीत कर किसान आंदोलन को समर्थन दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रत्येक सब्जी मंडी से 7 से 8 गाड़ियां किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दिल्ली का कूच करेगी.
दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसान किसानों को राशन, कंबल पहुंचाएगी खाप पंचायत
इधर हरियाणा की खाप पंचायतों ने फैसला किया है कि वो आंदोलन कर रहे किसानों को दवाई, राशन और ठंड से बचने के लिए कंबल मुहैया करवाएगी. खाप पंचायतों ने रोहतक में बैठकर ये फैसला किया. खाप नेताओं ने कहा कि किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी. सांगवान खाप के बाद सोमवार को रोहतक में देशवाल खाप ने भी किसान आंदोलन को समर्थन दिया है.
सांगवान खाप के प्रधान ने चेयरमैन पद से दिया इस्तीफा
इस बीच दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है. सोमबीर सांगवान ने ये इस्तीफा कृषि कानूनों के विरोध में दिया है. बता दें कि निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान के प्रधान भी हैं. उन्होंने एक दिसंबर से किसानों के समर्थन में खाप के हजारों लोगों के साथ दिल्ली कूच करने का ऐलान भी किया है. सोमवार को चरखी दादरी के गांव खेड़ी बूरा स्थित सांगू धाम पर सांगवान खाप 40 की पंचायत खाप प्रधान सोमबीर सांगवान की अध्यक्षता में हई. पंचायत की अध्यक्षता करते हुए निर्दलीय विधायक व सांगवान खाप प्रधान सोमबीर ने कहा कि वो भाईचारे के साथ हैं, इसलिए पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया. अब वो किसानों के साथ एक दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच करेंगे.
किस-किस ने दिया किसानों को समर्थन?
⦁ सर्व खाप पंचायत हरियाणा
⦁ हरियाणा सब्जी मंडी आढ़ती संगठन
⦁ हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ
⦁ दिल्ली टैक्सी यूनियन और ट्रक यूनियन
रविवार देर रात किसान की मौत
सोमवार को पांचवें दिन भी किसान हरियाणा-दिल्ली सिंघू बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर बहादुरगढ़ पर डटे रहे. टिकरी बॉर्डर पर डेरा डाले जत्थे में शामिल पंजाब के एक किसान की रविवार देर रात मौत हो गई. इसका कारण हार्ट अटैक माना जा रहा है. परिचितों का कहना है कि जुलाना में पुलिस ने उनके ऊपर पानी की बौछार की थी. जिसकी वजह से वो 3 दिन से बीमार थे. सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल में रखवाया. बता दें कि इस आंदोलन में तीसरी मौत है.
शांतिपूर्ण तरीके से किसानों का प्रदर्शन जारी मृतक की पहचान लुधियाना का भगवानपुरा के रहने वाले 50 साल के गज्जन सिंह के रूप में हुई है. अब गज्जन सिंह के परिवार ने शव लेने को मना कर दिया है. गज्जन सिंह के परिजनों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी और हरियाणा के DGP तीनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है.
प्रदर्शन के दौरान चार दिन में तीसरी मौत
बता दें कि राज्य में अब तक प्रदर्शन करते हुए 3 किसानों की जान जा चुकी है. दो दिन पहले भिवानी में एक जत्थे में शामिल किसान की सड़क हादसे में मौत हो गई थी, वहीं शनिवार रात को बहादुरगढ़ में बाईपास पर सर्विस लेन में खड़ी मैकेनिक की गाड़ी में आग लग गई थी. इससे उसके अंदर सो रहे मैकेनिक के सहायक जनकराज की जिंदा जलने से मौत हो गई थी. अब रविवार देर रात पंजाब के किसान गज्जन सिंह की सांसें थम गई.
किसी भी कीमत पर झुकने को तैयार नहीं किसान लॉकडाउन से भी बुरे हुए हालात, फल-सब्जियां हो रही खराब
किसान हाईवे पर कुंडली बॉर्डर से हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. इसका बड़ा नुकसान आमजन और जरूरत के सामान की सप्लाई पर पड़ा है. फल सब्जियों और दवाइयों तक के ट्रक फंस गए हैं. सामान ट्रकों में ही खराब होने लगा है. किसानों के बीच फंसे ट्रकों के ड्राइवर और परिचालक वहीं रात गुजार रहे हैं. पानीपत का एक्सपोर्ट, राई की फूड इंडस्ट्री से लेकर ऑनलाइन डिलीवरी तक प्रभावित हो रही है.
फूड इंडस्ट्री के संचालकों के मुताबिक मौसम और मांग के अनुसार समान तो पहले से तैयार है, लेकिन अब कहीं भी भेज ही नहीं पा रहे. ये लॉकडाउन से भी बुरी स्थिति हो गई है. उसमें लेबर नहीं आ रही थी तो समान बन भी नहीं रहा था, लेकिन अब समान बन गया है, लेकिन नहीं जाने से खराब हो रहा है. कुंडली बॉर्डर पर फंसे ट्रक चालकों से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे ट्रकों में फल-सब्जियां और दवाइयां हैं, जो समय पर नहीं गई तो खराब हो जाएंगी. काफी चीजें तो खराब होने भी लगी हैं.
किसान प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात सोनीपत में 3500 फैक्ट्री में कामकाज प्रभावित
एक ट्रक ड्राइवर ने बताया कि किसान तो अपनी मांगों के लिए मर्जी से सड़कों पर सो रहे हैं, लेकिन हमें बिना वजह ट्रकों में रात गुजारनी पड़ रही है. 3 दिन से ट्रक एक इंच भी नहीं खिसक पाए हैं. जिनमें ना केवल सोनीपत बल्कि चंडीगढ़ की तरफ के आधे हरियाणा में ऑनलाइन डिलीवरी वाला सामान है. एनएच-44 जाम होने से फैक्ट्रियों के लिए मुसीबत बढ़ गई है. रॉ मैटीरियल खत्म हो रहा है. तैयार माल भेजे नहीं जा पा रहे हैं. सोनीपत में करीब साढ़े तीन हजार फैक्ट्रियां और यूनिट प्रभावित हो रही हैं. इनसे 200 से 300 करोड़ तैयार माल डिस्पैच होता है. कुछ माल और रॉ मैटेरियल के ट्रक रास्ते में फंसे हैं.
किसानों ने गृह मंत्री अनिल विज को दिखाए काले झंडे
सोमवार को देशभर में गुरु पर्व मनाया गया. गुरु पर्व के मौके पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज अपने गोद लिए गांव पंजोखड़ा रवाना हुए. यहां अनिल विज गुरुद्वारा श्री पंजोखड़ा साहिब में माथा टेकने पहुंचे, लेकिन किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में अनिल विज को काले झंडे दिखाए. विरोध के चलते अनिल विज को मजबूरन वापस लौटना पड़ा.
आमने-सामने पंजाब और हरियाणा के सीएम
कृषि कानूनों की इस लड़ाई में सिर्फ किसान ही नहीं, बल्कि दो राज्यों की सरकार भी आमने-सामने हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच विवाद गहराता जा रहा है. इस विवाद पर जुबानी तीर भी जमकर चल रहे हैं. अनिल विज ने पंजाब के सीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले तो वो कह रहे थे कि उन्हें फोन नहीं आया. अब कहते हैं कि मोबाइल पर नहीं किया. फिर कहेंगे कि मुझे आकर जगाया नहीं. विज ने पंजाब के प्रशासन को नकारा बताते हुए कहा कि हमारे मुख्यमंत्री का धर्म बनता था कि अगर पंजाब से इतनी बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं, तो उनके बारे में वो पंजाब के सीएम से बात करें. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ये करना जरूरी होता है.
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बता दें कि हरियाणा सरकार की तरफ से पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को करीब 11 बार कॉल की गई. लेकिन उन्होंने एक बार भी फोन नहीं उठाया. पंजाब के मुख्यमंत्री का कहना है कि जबतक सीएम खट्टर उनसे किसानों के साथ की क्रूरता के लिए माफी नहीं मांगेंगे तब तक वो उनसे बात नहीं करेंगे. पंजाब के सीएम ने कहा था कि सीएम खट्टर कभी तो किसानों को खालिस्तानी बताते हैं और कभी वो आंदोलन का दोषी मुझे ठहराते हैं. सबसे पहले उन्हें अपने दिमाग का इलाज करवा लेना चाहिए. इसपर हरियाणा के सीएम ने कहा था कि पंजाब के सीएम को इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना शोभा नहीं देता. इस विवाद में अब हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भी कूद पड़े हैं. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य होने के नाते आपस में सौहार्द बना रहना चाहिए. मुख्यमंत्री या मंत्री को एक दूजे की मान मर्यादा का ख्याल भी रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी विषय को लेकर कोई भी डेड लॉक होता है तो उसका समाधान टेबल पर बैठ कर बातचीत से होगा.