चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस को अब नया कप्तान मिल गया है लेकिन गुटबाजी कब खत्म होगी ये सवाल अभी भी बरकरार (Factionalism In Haryana Congress) है. दरअसल बुधवार को मौका नए अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्षों की ताजपोशी का था. ताजपोशी के बहाने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपनी ताकत दिखाने की भरपूर कोशिश की. दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक 21 जगह काफिले को रोका गया और जोरदार स्वागत हुआ. स्वागत का जो नजारा था वो भी बेहद दिलचस्प था. पूरी ताकत दिखाई गई लेकिन स्वागत कार्यक्रम में केवल हुड्डा गुट के ही विधायक और कार्यकर्ता दिखाई दिए. जबकि ताजपोशी के इस कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस के कुछ बड़े चेहरे नजर नहीं आए. इससे यह साफ जाहिर है कि पार्टी में अभी गुटबाजी खत्म नहीं हुई है.
क्या रोड शो से फिर होगा "हुड्डा" का "उदय" ?
दिल्ली और हरियाणा की सीमा से शुरू हुए इस रोड शो में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की छांव साफ तौर पर देखने को मिली. नए प्रदेश अध्यक्ष उदय भान पूरे रोड शो में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की छत्रछाया में दिखाई दिए. रोड शो भले ही पार्टी के नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर किया गया लेकिन इस बहाने कहीं ना कहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपनी ताकत जरूर दिखाई. ऐसे में सवाल यही है कि, क्या यह रोड शो भूपेंद्र सिंह हुड्डा के उदय का एक संकेत है?
राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि यह बात तो सभी मानते है कि उदय भान को पार्टी का अध्यक्ष बनाने में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अहम भूमिका रही है. ऐसे में उनके लिए यह जरूरी था कि वे पार्टी के सामने इस मौके को हरियाणा अपनी ताकत के तौर पर भी प्रस्तुत करते. इसमें भी कोई संदेह नहीं है कि इस वक्त हरियाणा में कांग्रेस के पास उनसे बड़ा कोई दूसरा नेता नहीं है.
रोड शो में सारथी की भूमिका में दिखाई दिए दीपेंद्र हुड्डा रोड शो में सारथी की भूमिका में दिखाई दिए दीपेंद्र हुड्डा- दिल्ली से शुरू हुए इस रोड शो में राज्यसभा सांसद और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा सारथी की भूमिका में दिखाई दिए. जिस गाड़ी में नए प्रदेश अध्यक्ष उदय भान और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा चल रहे थे उस गाड़ी की अगली सीट पर दीपेंद्र हुड्डा लोगों का अभिवादन करते नजर आए. दीपेंद्र हुड्डा जिस तरीके से लोगों का अभिवादन कर रहे थे उससे साफ संकेत है कि हरियाणा कांग्रेस में अभी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सिवाय कोई और बड़ा चेहरा नहीं है.
इसके साथ यह इस बात के भी संकेत हैं कि भूपिंदर सिंह हुड्डा अपने बेटे को प्रदेश में बड़े चेहरे के तौर पर पेश करना चाह रहे हैं. राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सिवा इस वक्त कांग्रेस के पास ऐसा नेता नहीं है जो भीड़ जुटा सके या उसे वोटों में तब्दील कर सके. इसलिए पार्टी उनकी किसी भी बात को दरकिनार कर पाने में समर्थ नहीं है. साथ ही उनकी अनदेखी की वजह से पिछले विधानसभा चुनावों में पार्टी उसका नतीजा देख चुकी है.
भूपिंदर सिंह हुड्डा अपने बेटे को प्रदेश में बड़े चेहरे के तौर पर पेश करना चाह रहे हैं. कार्यक्रम में दिखाई हुड्डा गुट के सभी विधायक, कुछ बड़े चेहरे रहे नदारद- नए प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्षों की ताजपोशी के इस कार्यक्रम में पार्टी प्रभारी विवेक बंसल के साथ लगभग सभी विधायक मौजूद रहे. लेकिन इस कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस के कुछ बड़े चेहरे नजर नहीं आए. जिनमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा, वरिष्ठ पार्टी नेता कैप्टन अजय यादव, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, पार्टी की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी और असंध से पार्टी के विधायक शमशेर गोगी दिखाई नहीं दिए. हालांकि नई कार्यकारी अध्यक्ष बनी विधायक किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी भी इस मौके पर मौजूद नहीं थी. किरण चौधरी और श्रुति चौधरी के ना पहुंच पाने की वजह दोनों को कोरोना होना बताया गया है.
बड़े चेहरों के शामिल ना होने पर क्या बोले पार्टी प्रभारी? जब ऐसे मौके पर पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद ना हो तो ऐसे में मीडिया का सवाल उठाना लाजमी है. जब मीडिया ने पार्टी प्रभारी से इन बड़े चेहरों के कार्यक्रम में न पहुंच पाने की वजह पूछी तो उन्होंने एक- एक कर सब के बारे में जानकारी देकर उनके ना पहुंचने की वजह बताई. श्रुति चौधरी और किरण चौधरी को लेकर उन्होंने कहा की उन दोनों को कोरोना हो गया है. जबकि कैप्टन अजय यादव की कहीं दूसरे काम में पार्टी की ओर से ड्यूटी लगी थी.
रणदीप सुरजेवाला को लेकर भी उनका यही जवाब था. वहीं पूर्व पार्टी अध्यक्ष कुमारी सैलजा को लेकर उन्होंने कहा कि सैलजा चंडीगढ़ कार्यक्रम के लिए तो आई थीं लेकिन हमारी देरी की वजह से वे चली गईं. क्योंकि उनकी वापसी की फ्लाइट थी. इन सब नेताओं की गैर मौजूदगी को लेकर पार्टी प्रभारी ने तो अपना जवाब दे दिया लेकिन इन नेताओं का कार्यक्रम में मौजूद रहना कई सवाल पीछे छोड़ गया है.
कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी बरकरार-इस सब में सबसे बड़ी बात यह है कि पार्टी से नाराज चल रहे विधायक कुलदीप बिश्नोई इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. हालांकि इस बात के कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे कि कुलदीप बिश्नोई इस कार्यक्रम से दूरी बना सकते हैं. हुआ भी ऐसा ही. जब पार्टी प्रभारी विवेक बंसल से कुलदीप बिश्नोई को लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने उनके बारे में इस बात को तो मान लिया कि कुलदीप बिश्नोई खिन्न चल रहे हैं लेकिन वे यह भी कहते हैं कि बिश्नोई पार्टी के साथ हैं.
रोड शो में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की छांव साफ तौर पर देखने को मिली. कुलदीप बिश्नोई के संदर्भ में सुरजेवाला के बयान पर दी पार्टी प्रभारी ने सफाई-कुलदीप बिश्नोई को लेकर सुरजेवाला के बयान के बारे में बात करते हुए विवेक बंसल ने कहा कि (सुरजेवाला ने कहा था कि अगर कुलदीप बिश्नोई अध्यक्ष बनते तो वह भी एक बेहतर अध्यक्ष साबित होते) सुरजेवाला ने इस बयान में किसी की तुलना नहीं कि वह सिर्फ कुलदीप बिश्नोई की तारीफ कर रहे थे।.कुलदीप बिश्नोई कि हम भी तारीफ करते हैं. क्योंकि वह काफी प्रतिभावान और समझदार नेता हैं. वही नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा कहते हैं कि पार्टी पहले भी एकजुट थी और आज भी एकजुट है.
गुटबाजी को कैसे देखते हैं राजनीतिक विश्लेषक-राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि कांग्रेस में यह पहली बार नहीं है कि कोई नाराज है. इस तरीके की नाराजगी पहले भी पार्टी के कई नेताओं को होती रही है. वे कहते हैं कि जहां तक कुलदीप बिश्नोई की बात है तो जब उनके पार्टी प्रभारी खुद ही मान रहे हैं कि वे नाराज चल रहे हैं तो फिर उसको लेकर तो कोई बात करना बेइमानी होगी. जहां तक अन्य नेताओं के कार्यक्रम में ना पहुंच पाने की वजह जो पार्टी प्रभारी बता रहे हैं, उसको लेकर अलग-अलग राय हो सकती है. क्योंकि उसकी सच्चाई तो वही जानते हैं. जहां तक हरियाणा में कांग्रेस की एकजुटता का सवाल है तो वह जल्दी होगी. उसकी उम्मीदें कम हैं. जो नेता पार्टी में हुई नई तब्दीली से खफा चल रहे हैं वे अपनी नाराजगी जाहिर ना करें ऐसा होने की भी उम्मीद कम है.
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