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Mughal Period Coins Exhibition: चंडीगढ़ में सिक्कों की प्रदर्शनी, मुगल साम्राज्य के समय की अर्थव्यवस्था को समझाते हैं ये सिक्के - गवर्नमेंट म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी

चंडीगढ़ सेक्टर-10 गवर्नमेंट म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी में इन दिनों पुरानी सिक्कों की प्रदर्शनी लगाई गई है. इस प्रदर्शनी में आप 8वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी तक के सिक्कों को देख सकते हैं. साथ ही साथ इन सिक्कों के बारे में आप कई अद्भुत जानकारी भी हासिल कर सकते हैं. किस काल के सिक्कों की क्या अहमियत है इसकी जानकारी आप पल भर में हासिल कर सकते हैं. (Exhibition of Mughal Coins in Chandigarh)

Exhibition of coins from 8th century to 18th century
चंडीगढ़ में सिक्कों की प्रदर्शनी.

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Published : Aug 9, 2023, 11:28 AM IST

Updated : Aug 12, 2023, 12:36 PM IST

चंडीगढ़: मुगल साम्राज्य जिसने भारत जैसे देश पर 300 सालों से भी अधिक राज किया था. ऐसे में उस समय में इस्तेमाल की जाने वाली करेंसी (सिक्के) के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए चंडीगढ़ में प्रदर्शनी लगाई गई है. चंडीगढ़ में 12वीं क्लास में पढ़ने वाले अविरल अग्रवाल द्वारा प्राचीन काल के एकत्र किए हुए सिक्कों की प्रदर्शनी लगाई गई है.

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जानकारी के मुताबिक भारत की 8वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी तक के सिक्कों को किस तरह तैयार किया जाता था और उसकी क्या अहमियत थी. इसके बारे में 17 वर्षीय छात्र द्वारा एक प्रदर्शनी के जरिए बताने का प्रयास किया जा रहा है. अविरल अग्रवाल और पंजाब यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी के सहयोग से मुगलकालीन के समय भारत की सल्तनत और मुगल सिक्कों की एक अद्भुत प्रदर्शनी लगाई गई है. इस प्रदर्शनी में आर्ट गैलरी द्वारा भी अपने सिक्के को प्रदर्शनी में शामिल किए गए हैं.

मुगल सिक्कों की अद्भुत प्रदर्शनी.

अविरल अग्रवाल ने बताया कि, उनके पिता हरियाणा होम सेक्रेटरी विभाग में एक ऑफिसर हैं. उन्होंने बताया कि, उनके दादा और उनके पिता को इतिहास से जुड़ी किताबें पढ़ने का शौक है. धीरे-धीरे यह शौक उनमें भी आ गया, जिसके चलते बीते 1 साल के दौरान इतिहास से जुड़ी चीजें सहेज कर रखने का शौक भी पैदा हुआ. ऐसे में अगर विदेश के अलग-अलग समय राज्यों की करेंसी यानी सिक्कों की इतिहास जानना है तो वहां के सिक्कों का इतिहास समझा जा सकता है. ऐसे रोचक जानकारी के लिए सिक्के इकट्ठे करने का शौक हुआ.

चंडीगढ़ सेक्टर-10 गवर्नमेंट म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी में सिक्कों की प्रदर्शनी.

अविरल ने बताया कि, बहुत से ऐसे सिक्के हैं जिनकी कीमत आज अरबों और खरबों में है. लेकिन, कुछ नियमों के मुताबिक 100 साल से पुरानी कोई भी चीज बेची और खरीदी नहीं जा सकती. मुगल साम्राज्य के समय के सिक्कों की कीमत आज के समय में बहुत कम है. ऐसे में इन सिक्कों को एकत्र करने के लिए मैंने बहुत सी एग्जिबिशन और ऑनलाइन ऑक्शन (नीलामी) में हिस्सा लिया. जिसके चलते मैंने कुछ मुगलकालीन के सिक्के एकत्र किए.

प्रदर्शनी में मुगल सल्तनत के समय के 45 सिक्के.

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प्राचीन काल में बंगाल के पहले सुल्तान शमसुद्दीन इलियासी मोहम्मद बिन तुगलक, जहांगीर और अकबर आदि के काल के समय में सिक्कों का प्रचलन था. इस प्रदर्शनी मुगल सल्तनत के समय के 45 सिक्कों को प्रदर्शित किया गया है. इन सभी सिक्कों का आकार 1 सेंटीमीटर से लेकर 3 पॉइंट 7 सेंटीमीटर तक है. सिक्कों की खासियत है कि उस समय के राजा और ईसवी के बारे में इन सिक्कों पर ही लिखा हुआ है. इसके साथ ही मेरे पास दो रोमन, पांच इंडोग्रेस के सिक्के और कुछ मालवा सल्तनत के समय के सिक्के मौजूद हैं. इस समय मेरे पास कम से कम 60 ऐसे सिक्के हैं, जो इतिहास में एक समय में बहुत प्रचलित रहा. इनमें से 30-35 सिक्के मुगल सल्तनत के हैं, जिनमें अरबी में लिखा हुआ है. - अविरल, सिक्कों की प्रदर्शनी लगाने वाला छात्र

बता दें कि, मुगल सल्तनत सिखों की खासियत यह है कि इनमें उस समय के राजा और सन का ब्यौरा दिया जाता था जिसे अरबी में लिखा जाता था. वहीं, अगर भारत के अलग-अलग सल्तनत में महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब सल्तनत की बात की जाए तो इन सिक्कों को उस समय के देवी देवताओं की मूर्तियों की आकृति बनाई जाती थीं. जो अपने आप में आकर्षण का केंद्र है. अविरल ने बताया कि, वहीं, कुछ सिक्कों की जानकारी उन पर लिखी गई है. लेकिन, सिक्के ज्यादा पुराने होने के चलते वह जानकारी मिट गई थी, जिसके बारे में उन्होंने किताबों में पढ़ कर जानकारी हासिल की है.

प्रदर्शनी में छात्र के द्वारा दी जा रही सिक्कों के बारे में जानकारी.

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Last Updated : Aug 12, 2023, 12:36 PM IST

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