चंडीगढ़: केंद्र सरकार ने मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग के लिए एक बड़ी योजना की शुरुआत की है. माना जा रहा है कि ये योजना चीन के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है. इस योजना की वजह से भारत भी चीन जैसी सुविधाएं दुनिया को मुहैया करवा सकेगा. केंद्र सरकार ने तय किया है कि जो कंपनियां देश में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग करेंगी, उनको कैशबैक दिया जाएगा.
सरकार ने इस योजना के तहत आवेदन लेना भी शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में हरियाणा सरकार भी इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग के लिए निवेशकों को रिझाने में जुट गई है. हरियाणा सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्युफेक्चरिंग का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. अगर केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को मंजूर करती है तो गुरुग्राम के सोहना में 400 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक पार्क बनेगा. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बल्क ड्रग्स के लिए केंद्रीय मंत्रियों को पत्र भी लिखा है. हरियाणा सरकार पानीपत में 800 एकड़ में हरियाणा बल्क ड्रग्स मेन्युफेक्चरिंग इकाइयों को स्थपित करना चाहती है.
हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अमेरिका और जापान के बड़े निवेशकों के साथ बैठक की थी. मुख्यमंत्री ने करीब 2 घंटे बैठक कर निवेशकों को हरियाणा में व्यापार के महत्व को समझाया और उन्हें प्रदेश में आने का न्योता दिया. इससे पहले मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी तीन दिवसीय सेमिनार के माधयम से निवेशकों को हरियाणा में व्यापार के लिए आकर्षित कर चुके हैं.
हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) के प्रबंध निदेशक अनुराग अग्रवाल भी इसी कड़ी में निवेशकों के साथ वन 2 वन बैठक कर उन्हें हरियाणा में दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में बताया. इसी कड़ी में विदेशों से वेयर हाउसिंग के क्षेत्र में इन्वेस्ट करने की इच्छुक तीन कम्पनियों के पदाधिकारियों से अनुराग अग्रवाल ने बैठक की.
क्या हैं सरकार के नियम?
एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक अनुराग अग्रवाल ने बताया कि जो लोग भारत में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, अपनी फैक्ट्री लगाकर अपने प्रोडक्शन को टेस्ट करना चाहते हैं और मार्केट को एक्सपेरिमेंट करना चाहते हैं. उनको पट्टे में भूमि देने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि बोर्ड ने इसमें आकर्षित दरों पर फैसला लिया है. इसके तहत पट्टा दस साल के लिए होगा. हर दस साल बाद उसको एक्सटेंड किया जा सकता है. इसमें अधिकतर 99 साल का पट्टा हो सकता है, शर्त ये रहेगी कि जो भी पट्टे पर जगह लेगा वो निर्धारित समय सीमा पर फैक्ट्री लगाकर प्रोडक्शन शुरू करेगा.
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