चंडीगढ़: केंद्र शासित राज्य चंडीगढ़ जहां इलेक्ट्रिक व्हीकल शहरवासी खरीद रहे हैं. इन व्हीकल को चार्ज करने का जिम्मा स्थानीय प्रशासन द्वारा लिया गया था. वहीं, अब प्रशासन लोगों को उन्हीं के सहारे छोड़ते हुए दिख रहा है. चंडीगढ़ प्रशासन का कहना है कि, गवर्नमेंट और प्राइवेट कंपनियों की पार्टनरशिप के साथ चलने वाले चार्जिंग स्टेशन का काम पूरा होने में कुछ और समय लग सकता है. शहर के लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीद रहे हैं, लेकिन उनको चार्ज करने के लिए अभी भी स्टेशन शुरू नहीं हुए हैं.
ये भी पढ़ें:चंडीगढ़ में अधर में 23 चार्जिंग स्टेशन का काम, कैसे चलेंगे ई वाहन?
बता दें कि, इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को प्रशासन की ओर से इंसेंटिव भले ही दिए जा चुके हैं. चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों को उनके व्हीकल की वोल्टेज के हिसाब से कुछ छूट देते हुए इंसेंटिव दिया जा रहा था, जिसका इस साल चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा 9 करोड़ के करीब भुगतान किया गया है. इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल का रजिस्ट्रेशन करवाने वाले लोगों को रोड टैक्स जैसे चार्ज भी नहीं देने की सुविधा दी गई है.
चंडीगढ़ में ई चार्जिंग स्टेशन ईवी चार्जिंग स्टेशन शुरू होने में इस वजह से लग रही देरी: दरअसल, चंडीगढ़ में इलेक्ट्रिक व्हीकल का जिम्मा क्रेस्ट जैसे संस्था को दिया गया है. जिनका दावा है कि ईवी चार्जिंग स्टेशन को लगाने के लिए जो पुख्ता माहौल और उपकरणों की जरूरत है, उन्हें इंस्टॉल करने में समय लग रहा है. इसके अलावा संबंधित अलग-अलग विभागों से मिलने वाली मंजूरी में भी समय बीत रहा है. चंडीगढ़ प्रशासन हर साल ईंधन आधारित वाहनों की विशिष्ट सीमा पर प्रतिबंध लगाने का आदेश देकर लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए कह रहा है. जबकि, अपने लोगों को बुनियादी ईवी ढांचा, यानी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन प्रदान करने में विफल रहा है. मोबाइल ऐप भी अभी तक शुरू नहीं किया गया है, जिससे लोगों को जानकारी मिल सके.
ये भी पढ़ें:Chandigarh Cab Driver Strike: 10 अगस्त से ट्राई सिटी में कैब चालकों की हड़ताल, प्रशासन को 5 दिन का अल्टीमेटम, जानिए वजह
इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को लागू करने के लिए जहां प्रशासन लगातार पुरजोर मेहनत कर रहा है. वहीं, बीते आठ महीने में ही 1498 लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के बाद प्रशासन द्वारा इंसेंटिव का भुगतान किया गया है. इनमें 1050 टू व्हीलर, 32 थ्री व्हीलर और 406 फोर व्हीलर शामिल है. जिनमें से 1370 इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वाले के मालिकों को 8 करोड़ 33 लाख रुपए इंसेंटिव जारी किया जा चुका है.
चंडीगढ़ में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन: बता दें कि, यूटी ने 100 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का वादा किया था. सितंबर 2022 में नीति तैयार होने के बाद शहर में 37 स्थानों पर स्थापित किए गए, इनमें 23 में अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है. केंद्र ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) इंडिया योजना के चरण 1 के तहत चंडीगढ़ के लिए 48 चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी थी. पॉलिसी लॉन्च करते समय चंडीगढ़ प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया था कि ईवी उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए CREST जल्द ही चार्जिंग स्टेशनों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन तैयार करेगा. इस ऐप में टाइम स्लॉट, स्टेशन के प्रकार, लोड पर अपडेट, स्थान और टैरिफ की जानकारी उपलब्ध रहेगी, लेकिन आज तक कुछ नहीं किया गया है.
32 पेड पार्किंग में 143 चार्जिंग स्टेशन: शहर की पार्किंग का जिम्मा नगर निगम पर है. वहीं, मौजूदा समय में 32 पेड पार्किंग में 143 चार्जिंग स्टेशन लगाए जो फिलहाल काम नहीं कर रहे हैं. बीते दिनों सलाहकार धर्मपाल द्वारा एक बैठक के दौरान क्रेस्ट के अधिकारियों को चार्जिंग स्टेशन जल्द शुरू करने के निर्देश दिए गए. प्रशासन के अनुसार चार्जिंग स्टेशन लगाने के बाद इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल की मांग बढ़ सकती है. प्रशासन ने साल 2027 तक सिर्फ ईवी व्हीकल ही रजिस्टर करने घोषणा कर दी है. इस दौरान वाहनों पर इंसेंटिव दिया जाएगा. इसलिए प्रशासन ने अब ईंधन से चलने वाले वाहनों पर रोड टैक्स महंगा कर दिया है. इससे प्रशासन का स्टेट टैक्स भी बढ़ रहा है. रोड टैक्स एक महीने से बढ़ा दिया गया है. चंडीगढ़ प्रशासन ने परिवहन विभाग ने अब हाइब्रिड गाड़ियों का भी रजिस्ट्रेशन फी फ्री कर दी है. इसके बाद 23 हाइब्रिड गाड़ियों की सूची जारी की गई है, जिन पर रोड टैक्स से छूट देने का निर्णय लिया गया है.
शहर में इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर हमारा काम जोरों पर है. न केवल पिछले स्टेशनों को चालू किया जाएगा, बल्कि 44 नए स्टेशन स्थापित करने की भी प्रक्रिया चल रही है. संबंधित वित्तीय वर्ष के लक्ष्य के अंत के साथ अगस्त तक ईंधन आधारित दोपहिया वाहनों का पंजीकरण और दिसंबर तक चार पहिया वाहनों का पंजीकरण बंद कर देगा. इस पहल का उद्देश्य पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2022 में चार पहिया वाहनों में 10 फीसदी और दोपहिया वाहनों में 35 फीसदी की कमी करना था. चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए लक्ष्य चार पहिया वाहनों में 20 फीसदी और दोपहिया वाहनों में 70 फीसदी की कमी करना है. - अरुलराजन पी., डायरेक्टर, साइंस एंड टेक्नोलॉजी एंड रिन्यूएबल एनर्जी
अरुलराजन पी. ने कहा कि, इस वर्ष पंजीकृत होने वाले दोपहिया वाहनों की संख्या दोपहिया वाहनों के लिए 6,202, चार पहिया वाहनों के लिए 22,626 निर्धारित की गई है. ईवी चार्जिंग स्टेशन को लगाने के लिए जो जरूरी उपकरणों की जरूरत है, उन्हें इंस्टॉल करने में समय लग रहा है. इसके अलावा संबंधित अलग-अलग विभागों से मिलने वाली मंजूरी में भी समय बीत रहा है. लेकिन, लगातार मौसम खराब रहने से जो काम किया जा चुका था वो भी ठप पड़ गया है. ऐसे जैसे ही मौसम साफ होगा काम में तेजी लाई जाएगी.