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शांतिपूर्ण चुनाव के लिए हरियाणा में होंगे पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त, वोटिंग के लिए 19 हजार 425 पोलिंग स्टेशन

हरियाणा विधानसभा चुनाव में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहने वाले हैं. हर तरफ सुरक्षाबलों का कड़ा पहरा रहेगा, ताकि किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना हो सके. पूरी खबर पढ़ें और जानें कैसे रहेगी चुनाव में सुरक्षा.

सुनील अरोड़ा

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Published : Sep 21, 2019, 3:25 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. 21 अक्टूबर को हरियाणा में मतदान होंगे और 24 अक्टूबर को परिणाम आएंगे. अब चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव की घोषणा हो चुकी है, तो सबसे जरूरी चीज होती है कि चुनाव में सुरक्षा कैसी रहने वाली है.

शांतिपूर्ण चुनाव के लिए मल्टी लेवल सुरक्षा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने तारीखों का ऐलान करते हुए जानकारी दी कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में सुरक्षा मल्टी लेवल होगी. शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए पुलिस और सुरक्षाबलों का कड़ा पहरा होगा. साथ ही अलग-अलग जिलों में चुनाव अधिकारी चुनाव पर पूरी तरह से नजर बनाएं रखेंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने जानकारी दी कि चुनाव से संबंधित हर जरूरी काम की वीडियोग्राफी की जाएगी.

38 हजार ईवीएम का होगा इस्तेमाल
आपको बता दें कि इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 38 हजार ईवीएम का इस्तेमाल होगा. मिली जानकारी के अनुसार हर पोलिंग बूथ के लिए ईवीएम को तैयार कर लिया गया है. साथ ही सुनील अरोड़ा ने जानकारी दी कि स्ट्रांग रूम में रखी गई ईवीएम मशीन को सीसीटीवी की निगरानी में रखा जाएगा.

मुख्य चुनाव आयुक्त ने दी सुरक्षा से संबंधित जानकारी, देखें वीडियो

सशस्त्र सुरक्षा बल होंगे तैनात
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनाव में लगे सभी सुरक्षाकर्मी पूरी तरह से हथियार बंद होंगे. साथ ही पोलिंग बूथ के साथ लगते इलाकों में कड़ी सुरक्षा रखी जाएगी. सभी संवेदनशील पोलिंग स्टेशनों पर कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया जाएगा. सभी जगह चुनाव आयोग की तरफ से सीसीटीवी कैमरे इन्सटॉल किए जाएंगे. सुनील अरोड़ा ने जानकारी दी कि पूरे हरियाणा में सभी पुलिस पोस्ट को चोबीसों घंटे सीसीटीवी की निगरानी में रखा जाएगा. जब तक चुनाव समाप्त नहीं हो जाते.

कितने होंगे पोलिंग स्टेशन
2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में 16,244 पोलिंग स्टेशनों पर प्रदेश की जनता ने मतदान किया था. मुख्य चुनाव आयुक्त ने जानकारी दी कि इस बार ये संख्या बढ़ कर 19,425 हो गई है यानी कि पोलिंग स्टेशन में 19.58 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

मतदान से पहले मॉक पोलिंग
वास्तविक मतदान शुरू होने से एक दिन पहले, प्रत्येक मतदान केंद्र पर कम से कम 50 वोट डाले जाते हैं. इस दौरान मतदान केंद्रों के उम्मीदवारों की उपस्थिति और कंट्रोल यूनिट के इलेक्ट्रॉनिक परिणाम और वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती से मॉक पोल आयोजित किया जाता है.

इसके बाद संबंधित अधिकारियों द्वारा मॉक पोल के सफल आयोजन का प्रमाण पत्र बनाया जाएगा. मॉक पोल के तुरंत बाद, कंट्रोल यूनिट (सीयू) पर CLEAR बटन को मॉक पोल के डेटा को साफ करने के लिए दबाया जाता है और ये तथ्य कि सीयू में कोई वोट दर्ज नहीं होता है और मौजूद पोलिंग एजेंटों को प्रदर्शित किया जाता है.

संबंधित अधिकारी ये भी सुनिश्चित करता है कि सभी मॉक पोल स्लिप वीवीपीएटी से निकाले जाएंगे और पोल शुरू होने से पहले अलग-अलग चिह्नित लिफाफे में रखे जाएंगे.

मतदान के बाद की प्रक्रिया
मतदान पूरा होने के बाद ईवीएम और वीवीपैट को संबंधित पोलिंग एजेंटों की उपस्थिति में सील कर दिया जाता है और मुहरों पर पोलिंग एजेंटों के हस्ताक्षर प्राप्त किए जाते हैं. मतदान ईवीएम और वीवीपीएटी को वीडियोग्राफी के तहत उम्मीदवारों / उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में डबल लॉक सिस्टम में संग्रहीत करने के लिए मजबूत कमरे में वापस भेज दिया जाता है.

इसके बाद उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि स्ट्रांग रूम के सामने भी डेरा डाल सकते हैं. सीसीटीवी सुविधाओं से युक्त, इन मजबूत कमरों में सुरक्षाबलों का 24 घंटे पहरा रहता है.

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