चंडीगढ़:कोरोना वायरस जहां दुनिया भर में इंसानों की जान लेने में तुला है. वहीं इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने मृतकों के लिए मोक्ष के द्वार भी बंद कर दिए हैं. लॉकडाउन की वजह से चंडीगढ़ के श्मशान घाटों में भी कई तरह की समस्याएं सामने आने लगी हैं. लोग अपने मृतक परिजनों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने नहीं जा पा रहे हैं. वहीं अस्थियां ज्यादा होने की वजह से श्मशान घाट के लॉकर भी भर चुके हैं. आलम ये हो चला है कि लोग अब परिजनों की अस्थियां श्मशान घाट के पेड़ों पर टांग रहे हैं और इंतजार कर रहे हैं लॉकडाउन के खुलने का.
मोक्ष के द्वार पर कोरोना वायरस का ताला !
चंडीगढ़ के श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार तो हो रहे हैं, लेकिन यहां से अस्थियां हरिद्वार गंगा तक प्रवाहित होने के लिए नहीं पहुंच रही हैं. लॉकडाउन के बाद चंडीगढ़ के सभी श्मशान घाट के लॉकर फुल हो चुके हैं. ऐसे में अब अंतिम संस्कार के बाद अस्थि कलश श्मशान घाट में लगे पेड़ पर टांगी जा रही है. जो कर्फ्यू खुलने का इंतजार कर रही हैं. इसके अलावा कई लोगों ने अपने परिजनों की अस्थियां लॉकर नहीं मिलने की वजह से कार की डिक्की में रख ली हैं, जबकि कुछ लोगों ने मंदिर के पास लगे पेड़ों पर अस्थिी कलश लटकाए हैं.
लॉकर फुल, पेड़ों पर टांगी जा रही अस्थियां
ट्राईसिटी में सबसे बड़ा श्मशान घाट सेक्टर-25 में है. इस घाट के प्रमुख पंडित गुलशन कुमार ने बताया कि उनके यहां पर 100 से ज्यादा अस्थियां रखने के लिए लॉकर हैं, जो कि पूरी तरह से भर चुके हैं. इस समय किसी को भी उत्तराखंड के हरिद्वार जाने की मंजूरी नहीं मिल रही है. इसलिए सभी लोग अपने परजिनों की अस्थियां लॉकर में रखकर जा चुके हैं.