फरीदाबाद:कोरोना महामारी के चलते सीबीएसई द्वारा 12वीं की बोर्ड परीक्षा (CBSE Board Exam) रद्द करने के बाद अब हरियाणा बोर्ड ने भी 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी है. वहीं परीक्षाओं के रद्द करने के फैसले का जहां कुछ लोगों ने स्वागत किया है तो वहीं कई लोग बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता जता रहे हैं. इस बारे में ईटीवी भारत ने एजुकेशन एक्सपर्ट आशीष कपूर से खास बातचीत की और जाना कि परीक्षा रद्द होने से बच्चों के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा.
बच्चों के भविष्य पर पड़ेगा बुरा असर
डॉ. आशीष कपूर ने कहा कि कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई का बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन इस वक्त बच्चों की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है. ऐसे माहौल में परीक्षाएं आयोजित करवाना मुश्किल भरा काम है इसीलिए सीबीएसई ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया. सीबीएसई का ये फैसला सही कहा जा सकता है, लेकिन इससे बच्चों को काफी नुकसान होगा.
उन्होंने कहा कि इंटरनल एग्जाम में टीचर बच्चों को जानबूझकर कम अंक देते हैं ताकि बच्चे और ज्यादा मेहनत करें. कई बच्चे इस बात को लेकर नाखुश हैं कि उन्होंने पढ़ाई तो अच्छी की थी, लेकिन इंटरनल एग्जाम में उनको नंबर कम मिले हैं. अगर उसके आधार पर बच्चों के फाइनल रिजल्ट घोषित किए जाएंगे तो उनके मार्क्स काम आएंगे जबकि वे परीक्षा होने पर ज्यादा अंक ले सकते थे.
किस आधार पर होंगे कॉलेज में एडमिशन?
दूसरी बात ये है कि कॉलेज में एडमिशन किस आधार पर होंगे. क्योंकि जिस तरीके से परिणाम घोषित किए जाएंगे. उससे ये साफ नहीं हो सकता कि कौन सा बच्चा सीट लेने का हकदार पहले था और कौन सा नहीं. इसके अलावा साइंस में प्रैक्टिकल का बहुत महत्व है, लेकिन 12वीं कक्षाओं में सिर्फ इंटरनल एग्जाम हुए हैं. जबकि प्रैक्टिकल नहीं हुए हैं. ऐसे में बच्चा अपने सब्जेक्ट को पूरी तरह समझ ही नहीं सकता.
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