चंडीगढ़:मनीमाजरा में एशिया की सबसे बड़ी ट्रक रिपेयर मार्केट है. इस समय ये मार्केट अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है. आलम ये है कि रिपेयर मार्केट में मैकेनिकों के साथ-साथ स्पेयर पार्ट्स बेचने वाले दुकानदार भी खाली बैठे हैं. लॉकडाउन ने इस मार्केट को इस कदर नुकसान पहुंचाया कि 7 महीने बाद भी सिर्फ 40 फीसदी काम वापस शुरू हो पाया है. हालात ये हैं कि पहले इस मार्केट में ट्रकों की लाइन लगी रहती थी, लेकिन अब रिपेयर कराने के लिए दिनभर में सिर्फ दो या तीन ट्रक ही आते हैं.
मैकेनिकों की समस्या
ट्रक मकैनिकों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद काम शुरू तो हुआ है मगर 30 से 40 फीसदी काम ही लौट पाया है. पहले कई ट्रक खड़े रहते थे और रात तक भी काम करते रहते थे लेकिन अब दो-तीन दिन में एक ट्रक रिपेयरिंग के लिए पहुंच रहा है. उन्होंने बताया कि पहले जो आमदन होती थी उससे आधी आमदनी रह गई है.
अनलॉक होने के बावजूद एशिया की सबसे बड़ी मोटर मार्केट पर गहराया आर्थिक संकट ट्रक बॉडी का काम करने वाले और डेंटर भी परेशान
ट्रक ठीक होने के लिए मोटर मार्केट में नहीं पहुंच रहे हैं तो ऐसे में ट्रक की बॉडी और डेंटिंग का काम करने वालों के लिए भी बड़ी परेशानी है. उन्होंने बताया कि उनका 20 से 30 फीसदी ही काम लौट पाया है. बमुश्किल दो-चार दिनों में एक ट्रक पर काम कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि बड़े ट्रांसपोर्टर्स का काम नहीं चल रहा है. ऐसे में ट्रक खड़े हैं और ट्रक मार्केट में भी इसी के चलते काम आधा रह गया है.
स्पेयर पार्ट्स की दुकानों पर पड़ा असर
ट्रक रिपेयर मार्केट में काम नहीं होने का एक बड़ा असर स्पेयर पार्ट्स की दुकानों पर भी पड़ा है. पहले जितने ट्रक अब आते नहीं और स्पेयर पार्ट्स की जरूरत ज्यादा होती नहीं. आलम ये है कि दुकानों का किराया भरना मुश्किल हो गया है. वहीं काम ना होने के चलते दुकान पर काम करने वाली लेबर को भी हटाना पड़ा है.
पेंटर भी खराब दौर में
मोटर मार्केट में सैकड़ों पेंटर भी हैं क्योंकि काम नहीं है तो ऐसे में पेंटर्स भी काम करने को तरस रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक ट्रक ठीक होने के लिए आता है तो उसमें ट्रक मकैनिक, इलेक्ट्रीशियन, पेंटर, डेंटर, खमानियों का काम होता है. लेकिन आज ये सभी लोग काम करने के लिए तरस रहे हैं.
क्या बोले कार मैकेनिक?
ट्रक मकैनिकों के साथ-साथ हजारों की संख्या में कार मकैनिक भी मोटर मार्केट में इसी तरह से मंदी की मार झेल रहे हैं. कार मकैनिक ने बताया कि उनका भी महज आधा ही काम लौट पाया है. अभी लोगों के वेतन भत्तों में कटौती और अधिकतर लोगों का बेरोजगार होना इसकी एक बड़ी वजह भी है. इसी के चलते लोग गाड़ियों का काम नहीं करवा रहे हैं.
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1 जून से अनलॉक पीरियड शुरू हो गया था. हर सेक्टर को यही आस थी कि अब उनका काम वापस पटरी पर लौटेगा, लेकिन एशिया की सबसे बड़ी ट्रक रिपेयर मार्केट में मकैनिकों और दुकानदारों को अभी भी पुराने दिनों की रौनक के लौटने का इंतजार है. ये लोग उम्मीद कर रहे हैं आने वाले कुछ महीनों में हालात बदलेंगे.