चंडीगढ़: राजधानी चंडीगढ़ के 115 सरकारी स्कूलों में 1 लाख 75 हजार विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं. इन स्कूलों में केंद्र का सर्विस रूल लागू किए जाने हैं. इसके अलावा इन स्कूलों को स्मार्ट बनाने के साथ साथ डिजिटल सुविधाओं से जोड़ने की तैयारी की जा रही है. जिसके चलते 1 अप्रैल से सभी स्कूलों को एक ऐप के अधीन लाया जाएगा.
शिक्षा विभाग ने चंडीगढ़ के सभी सरकारी स्कूलों में फाइबर ब्रॉडबैंड की सुविधा दी है. इसके साथ ही सभी स्कूलों में एजुकेशन APP की सुविधा भी शुरू हो रही है. इस ई ऐप के जरिए ना सिर्फ बच्चों से संबंधित सभी जानकारी को ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा बल्कि शिक्षक के द्वारा किसी भी संबंधित विभाग की अनुमति के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा.
अक्सर चंडीगढ़ में देखा जाता है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अपनी छुट्टी लेने के लिए विभाग के चक्कर काटने पड़ते हैं. जिसमें 10 से 15 दिनों का समय लग जाता है. ऐसे में ऑनलाइन ऐप सुविधा किए जाने के बाद, दस से 15 दिनों का समय लेने वाली एक एप्लीकेशन पर एक ही दिन में विभाग के सभी अधिकारियों की मंजूरी मिल सकेगी. डिजिटल इंडिया के नारे को साकार करते हुए चंडीगढ़ में शिक्षा प्रणाली को भी ऑनलाइन किया जा रहा है. जिसके चलते जल्द ही डाक सेवा व मेल प्रक्रिया को खत्म कर दिया जाएगा.
चंडीगढ़ में ई ट्रांसफर पॉलिसी स्कूलों से संबंधित सभी ब्योरा इस डिजिटल ऐप के जरिए, छोटे दर्जे के अधिकारी से लेकर बड़े स्तर के अधिकारी तक पहुंच जायेगा. इसे लागू करने में सबसे अहम निर्णय शिक्षा विभाग के निदेशक हरसुहिंदर पाल सिंह बराड़ ने लिया है. इस मौके पर हरसुहिंदर पाल सिंह बराड़ ने बताया कि वीरवार को ही विभाग द्वारा ई ट्रांसफर पॉलिसी को लागू किया गया है. इस पॉलिसी के तहत जिन हेड मास्टर, मास्टर और टीचर ने नियमों के मुताबिक एक स्कूल में समय सीमा पूरी कर ली है, उन्हें ट्रांसफर किया जाएगा.
बराड़ ने बताया कि ये ट्रांसफर प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी. इनमें सभी शिक्षकों का डाटा डाला जाएगा. जिस स्कूल में शिक्षा विभाग के नियमों के मुताबिक एक शिक्षक को 12 साल और प्रिंसिपल का 5 साल का कार्यकाल पूरा हो चुका होगा, इस ऐप के मुताबिक सभी उच्च अधिकारियों को इस संबंध में नोटिस पहुंचेगा. जिससे ट्रांसफर की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकेगा.
अभी इस पॉलिसी से संबंधित सभी स्कूलों को नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इस संबंध में किसी भी शिक्षक और प्रिंसिपल को कोई आपत्ति हो तो वह अपने सुझाव ऑनलाइन ही अगल 20 से 25 दिनों के दौरान दे सकते हैं. एचएस बराड़ ने बताया कि आने वाले 1 अप्रैल को सभी स्कूलों में एडवांस कंप्यूटर लगा दिए जाएंगे जिसके जरिए ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा. वही 1 अप्रैल को ही शिक्षा विभाग का ई ऐप लांच किया जाएगा. स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई में इंटरनेट की परेशानी ना हो इसके लिए सभी स्कूलों में 5जी की सुविधा प्रदान की गई है.
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