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हरियाणा में 2 लाख करोड़ का निवेश लाने का लक्ष्य- दुष्यंत चौटाला - Deputy Chief Minister Dushyant Chautala Haryana

उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि उर्जा से संबंधित उद्योगों को फैक्ट्री कानून-1948 से छूट के लिए श्रमिकों की न्यूनतम संख्या 20 से बढ़ाकर 40 की गई है.

Deputy Chief Minister Dushyant Chautala Haryana
Deputy Chief Minister Dushyant Chautala Haryana

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Published : Dec 24, 2020, 3:33 PM IST

चंडीगढ़: उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति 2020 को लेकर जानकारी दी. दुष्यंत चौटाला ने बताया कि नीति के तहत सूबे में 5 लाख नौकरियां पैदा करना और 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य है. इसमें निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा, इस नीति के तहत निर्यात को दोगुना करते हुए 2 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है.

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस पॉलिसी के माध्यम से हरियाणा को प्रतिस्पर्धी और पसंदीदा निवेश के रूप में प्रतिष्ठित करने का लक्ष्य है. क्षेत्रीय विकास और ज्यादा से ज्यादा रोजगार उत्पन्न होंगे. आजीविका आर्थिक विकास के तहत आजीविका के अवसर बढ़ेंगे, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अनुसार नई नीति से इको-सिस्टम मजबूत करने पर जोर दिया गया है.

फैक्ट्रियों में न्यूनतम श्रमिकों की संख्या 20 से बढ़ाकर 40

दुष्यंत ने कहा कि शर्त अनुसार तीन साल के लिए मेगा और अल्ट्रा-मेगा परियोजनाओं को श्रमिक कानूनों से रियायत मिलेगी (न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 को छोड़कर). उर्जा से संबंधित उद्योगों को फैक्ट्री कानून-1948 से छूट के लिए श्रमिकों की न्यूनतम संख्या 20 से बढ़ाकर 40 की है. औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अंतर्गत आईटी, आईटीईएस, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो और कपड़ा उद्योग को सार्वजनिक उपयोगिताओं के रूप में घोषित किया जाएगा. सामान्य उद्योगों के मामलों में फर्श क्षेत्र अनुपात (FAR) को सामान्य 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 150 से 200 प्रतिशत किया जाएगा.

हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति 2020 पर जानें दुष्यंत ने क्या कहा.

दुष्यंत चौटाला ने बताया कि भंडारण के मामलों में फर्श क्षेत्र अनुपात (FAR) को सामान्य 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 150 फीसदी तक किया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा उद्योग स्थापित करने के लिए पंचायती भूमि को पट्टे पर उपलब्ध कराया जाएगा. डाटा सेंटर यूनिट्स के सरफेस पार्किंग पर्याप्त होने की स्थिति में बेसमेंट पार्किंग के प्रावधान की आवश्यकता को दूर किया जाएगा. जहां परियोजना लागू हैं और एचएसआईआईडीसी के बकाए का भुगतान चुका हो, उसके लिए भूखंडों के हस्तांतरण के लिए स्वत: प्रावधान की मंजूरी दी है.

एमएसएमई को किया जाएगा प्रोत्साहित

एमएसएमई को प्रोत्साहित करने के लिए चपटा कारखानों के लिए कम से कम 2000 वर्ग मीटर या उससे ज्यादा के प्लॉट (एस) का 250 प्रतिशत तक का एफएआर बढ़ाया. श्रम आवास के लिए 2000 वर्ग मीटर से अधिक HSIIDC भूखंडों की FAR में 250 प्रतिशत तक की वृद्धि की है. औद्योगिक आवासों के क्षेत्र का 10 प्रतिशत श्रम आवास के लिए आवासीय क्षेत्र के रूप में आरक्षित किया जाएगा. औद्योगिक सम्पदा के क्षेत्र का 5 प्रतिशत भण्डारण गतिविधियों के लिए आरक्षित किया जाएगा.

संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा दिया जाएगा

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि HSIIDC लीज पर ली गई जमीन पर काम करने की अनुमति देकर निवेशकों पर अग्रिम लागत के बोझ को कम करने के लिए पट्टे पर भूमि की पेशकश करने के लिए एक नीति तैयार करेगा. HSIIDC औद्योगिक सम्पदाओं में श्रमिकों के लिए शयनगृह व औद्योगिक आवास बनाने के लिए योजना तैयार करेगा. ये नीति HEPC पोर्टल पर औद्योगिक मंजूरी से संबंधित विभिन्न विभागों की 36 अन्य सेवाएं प्रदान करने की भी परिकल्पना करती है. संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा दिया जाएगा, पूरे राज्य को औद्योगिकीकरण, सामाजिक-आर्थिक विकास, स्थानीय लाभ और विभिन्न प्रकार के कौशल विकास के स्तर के आधार पर विभिन्न स्केल की प्रोत्साहन राशि के साथ 4 श्रेणियों ( ए, बी, सी और डी) में वर्गीकृत किया गया है.

ग्रामीण क्षेत्रों में घर-द्वार पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सूक्ष्म उद्यमों की सहायता के लिए, इस नीति के तहत हरियाणा ग्रामीण विकास योजना शुरू की जाएगी. इस नीति के तहत प्रदेश में समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं और अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा चलाए जाने वाले सूक्ष्म उद्यमों और स्टार्ट-अप को भी प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा.

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हरियाणा ग्रामीण औद्योगिक योजना के अंतर्गत 20 लाख रुपये तक की 15 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी, 8 लाख रुपये तक की सात प्रतिशत ब्याज सब्सिडी और डीजी सेट की लागत में 50 प्रतिशत सब्सिडी, स्टार्टअप के लिए पांच वर्ष के लिए 20 लाख रुपये तक की आठ प्रतिशत ब्याज सब्सिडी, 10 लाख रुपये तक सीड ग्रांट, सात वर्ष तक 100 प्रतिशत स्टेट जीएसटी वापसी का फैसला. इंडस्ट्रियल पार्क विकास के लिए प्रोजेक्ट कोस्ट की 40 करोड़ रुपये तक की 50 प्रतिशत की वित्तीय सहायता, 80 प्रतिशत तक स्टांप ड्यूटी वापसी और औद्योगिक आवास व शयनगृह बनाने के लिए 50 लाख रुपये तक की 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता.

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