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डिप्टी सीएम ने कांग्रेस और किसान नेताओं पर फोड़ा लाठीचार्ज का ठीकरा

करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज (karnal farmer lathi charge) का ठीकरा हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (dushyant chautala) ने किसान नेताओं और कांग्रेस पर फोड़ा है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के जरिये हरियाणा के किसानों की तरक्की रोकने की साजिश की जा रही है.

dushyant chautala
dushyant chautala on lathi charge

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Published : Aug 29, 2021, 9:48 PM IST

चंडीगढ़:करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज (haryana farmer lathi charge) को लेकर हरियाणा सरकार और पुलिस की हर ओर निंदा हो रही है. वहीं इस मामले को लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (dushyant chautala) ने रविवार को चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता की. करनाल में हुए लाठीचार्ज को लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वे स्वयं इससे दुखी हैं और ऐसा नहीं होना चाहिए था. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कुछ राजनीतिक लोग हरियाणा के किसानों को कमजोर करना चाहते हैं. ऐसी ताकतें चाहती हैं कि हरियाणा की कृषि अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाए और किसान हाशिये पर चला जाए. किसानों को गुमराह करने वालों के मंसूबे किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होने चाहिए और ये बात प्रदेश के किसानों को भी समझनी होगी.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के चुनावी एजेंडे के तहत कांग्रेस किसानों को ढाल बनाकर आंदोलन चला रही है. पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने खुद कहा था कि किसान आंदोलन हरियाणा में चला गया ये अच्छी बात है. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इससे प्रदेश के किसानों को समझना चाहिए कि हरियाणा में किसान आंदोलन के नाम पर अराजकता फैलाने के पीछे कांग्रेस की मंशा क्या है. डिप्टी सीएम ने ये भी सवाल किया कि कल के घटनाक्रम के बाद किसानों के समर्थन में यूपी-पंजाब में क्यों जाम नहीं लगाया गया.

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दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 40 किसान नेता अधिकतर पंजाब, यूपी से जुड़ी किसान यूनियनों से हैं, लेकिन केवल हरियाणा को ही व्यवस्था बिगाड़ने का केंद्र क्यों बनाया जा रहा है. किसान नेता इस पर जवाब दें. डिप्टी सीएम ने कहा कि पिछले 9 माह से एक एजेंडे के तहत किसानों को बैठा रखा है और अब व्यवस्था खराब की जा रही है. दुष्यंत चौटाला ने दोहराया कि हरियाणा में ना कोई मंडी बंद होगी, ना एमएसपी पर कोई आंच आएगी और ना ही किसी किसान की जमीन पर कब्जा होगा, अगर पंजाब में ऐसा हो रहा है तो इसको लेकर पंजाब सरकार को जवाब देना चाहिए.

डिप्टी सीएम ने हैरानी जताते हुए कहा कि कल की घटना के बाद ऐसे कांग्रेसी नेता भी एक्टिव हो गए हैं, जो कि विधानसभा चुनाव के बाद कभी प्रदेश की जनता को दिखे ही नहीं. ऐसे राजनीतिक लोग आंदोलन में जाकर आग लगाकर वापस आराम से अपने घर बैठ जाते हैं. 9 महीने में कौन से कांग्रेसी नेता ने किसानों के साथ टैंटों में दिन गुजारे. ऐसे नेता केवल फोटो खिंचवाने और दो-तीन महीनों में एक बयान देने तक सीमित हैं.

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दुष्यंत चौटाला ने किसान नेताओं से सवाल किया कि किसी के दुख-सुख, निजी कार्यक्रमों का विरोध क्यों हो रहा है, क्यों डिप्टी स्पीकर और विधायकों की गाड़ियों में तोड़फोड़ की जा रही है और आखिर इसका उद्देश्य क्या है, ये किसान नेता बताएं. कल के घटनाक्रम के बाद 40 किसान नेता अब कहां हैं. जब केंद्र सरकार नये कानूनों में संशोधन के लिए तैयार तो फिर चर्चा क्यों नहीं हो रही है. अगर किसान चर्चा करना चाहते है तो वे स्वयं केंद्र से बातचीत करके मध्यस्थता के लिए तैयार है क्योंकि चर्चा के बिना किसी समस्या का समाधान नहीं निकलता. 3 नए कानूनों से किसानों को क्या खतरा है, उस पर चर्चा होनी चाहिए.

बता दें कि, निकाय चुनाव को लेकर शनिवार को करनाल में बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी (Karnal BJP meeting) की एक अहम बैठक हो रही थी. जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित, प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ समेत कई नेता शामिल हुए. किसानों ने पहले ही बीजेपी के इस कार्यक्रम का विरोध करने की चेतावनी दी थी. जिसके बाद किसानों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर विरोध किया और किसानों को रोकने के लिए पुलिस का बल का इस्तेमाल करना पड़ा.

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किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज (karnal farmer lathi charge) करना पड़ा. जब किसान और पुलिस आमने-सामने हुए तो पुलिस की तरफ से लाठीचार्ज किया जा रहा था तो वहीं किसानों की तरफ से पत्थरबाजी की गई. इस दौरान 4 किसान और 10 पुलिसकर्मी घायल हुए. घायल हुए किसानों में से एक किसान की रविवार को मौत हो गई. मृतक किसान का नाम सुशील काजल है. किसान करनाल के घरौंडा के रायपुर जट्टान गांव का रहने वाला था.

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