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हरियाणा में DSP का पद होगा HCS अधिकारी के बराबर, गृह मंत्रालय जल्द ले सकता है फैसला - अनिल विज का पुलिस विभाग को तोहफा

प्रदेश में डीएसपी के पद को एचसीएस ( सिविल सर्विस अफसर )के समान कर दिए जाने से राज्य में काम करने वाले लगभग 300 डीएसपी को ये सम्मान मिलेगा. जिसके लिए वो लंबे समय से संघर्ष करते आए हैं. अब जब विभाग अनिल विज के पास है तो उन्होंने इस मांग को जायज मानते हुए स्वीकृति प्रदान कर दी है.

हरियाण के गृह मंत्री अनिल विज
हरियाण के गृह मंत्री अनिल विज

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Published : Jan 18, 2020, 3:02 PM IST

चंडीगढ़: गृह मंत्रालय से पुलिस विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को जल्द खुशखबरी मिल सकती है. मंत्रालय ने पुलिस विभाग के डीएसपी के पद को एचसीएस अधिकारियों के बराबर करने का निर्णय लिया है.

साथ ही पुलिस कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतन मान देने का भी विकल्प पर विचार कर रहा है. इस बारे में पुलिस महानिदेशक को गृह मंत्री अनिल विज की ओर से निर्देश दिए गए हैं.

हरियाणा में DSP का पद होगा HCS अधिकारी के बराबर

बता दें कि गृह मंत्री के समक्ष हरियाणा पुलिस अफसरों ने डीएसपी के पद को एचसीएस के बराबर करने के लिए मांग रखी थी. हरियाणा के पड़ोसी राज्यों का इसमें उदाहरण दिया गया था और कहा गया था कि वहां इस तरह की व्यवस्था पहले से ही है.

अनिल विज ने मानी पुलिस अफसरों की मांग
पुलिस विभाग की ओर से की गई मांग को देखते हुए गृह मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव और पुलिस के आला अफसरों के साथ एक बैठक कर आए इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

वहीं काफी लंबे समय से पुलिस विभाग में लंबित पद उन्नति के मामलों को भी स्वीकृति विज द्वारा दे दी गई है. अब जल्द ही पुलिस विभाग में नीचे से लेकर अधिकारियों तक के प्रमोशन होने शुरू हो जाएंगे.

DSP का पद होगा HCS अधिकारी के बराबर
जानकारी के अनुसार प्रदेश में डीएसपी के पद को एचसीएस (सिविल सर्विस अफसर) के समान कर दिए जाने से राज्य में काम करने वाले लगभग 300 डीएसपी को ये सम्मान मिलेगा. जिसके लिए वो लंबे समय से संघर्ष करते आए हैं. अब जब विभाग अनिल विज के पास है तो उन्होंने इस मांग को जायज मानते हुए स्वीकृति प्रदान कर दी है.

आखिरी मुहर लगाएंगे सूबे के मुखिया
एक लंबे अरसे बाद पुलिस विभाग के डीएसपी लेवल के अधिकारियों की मांग को गृह मंत्रालय की ओर से जायज ठहराते हुए स्वीकृति तो दे दी गई है, लेकिन इस फैसले पर आखिरी मुहर प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल के कार्यालय द्वारा ही लगाई जाएगी.

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