चंडीगढ़:सांसद किरण खेर इस वक्त मल्टीपल मायलोमा नाम की बीमारी से जूझ रही हैं. वो मुंबई में अपना इलाज करा रही हैं. सोशल मीडिया पर उनके पति अनुपम खेर ने भी ट्वीट कर उनकी बीमारी के बारे में जानकारी दी. इस बारे में जैसे ही उनके फैंस और शुभ चिंतकों को पत चला सभी परेशान हो गए.
चंडीगढ़ पीजीआई के ब्लड कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर पंकज मल्होत्रा ने सांसद और अभिनेत्री किरण खेर की बीमारी को डायग्नोज किया था, ईटीवी भारत की टीम ने डॉक्टर पंकज मल्होत्रा से उनकी बीमारी के बारे में बातचीत की. डॉ. पंकज मल्होत्रा कहते हैं कि मल्टीपल मायलोमा ब्लड कैंसर का एक प्रकार है. यह एक गंभीर बीमारी है. हालांकि इस बीमारी का इलाज संभव है, लेकिन बहुत से मरीजों के लिए है घातक भी साबित हो सकती है.
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किरण खेर में कैंसर होने का पता कैसे चला?
नवंबर 2020 में उनकी बाजू की हड्डी टूट गई थी, जिसके बाद भी अपना इलाज जीएमसीएच 32 अस्पताल में इलाज करवा रही थी. जीएमसीएच-32 से उन्हें कुछ जरूरी टेस्ट करने के लिए पीजीआई लाया गया था. उनकी रिपोर्ट में इस बीमारी के बारे में पता चला.
कितनी खतरनाक है ये बीमारी?
इस बीमारी के कई लक्षण होते हैं. आमतौर पर इस बीमारी में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं जैसा कि सांसद किरण खेर के केस में हुआ. सांसद किरण खेर को कोई चोट नहीं लगी थी ना ही वे गिरी थीं. इसके बावजूद उनकी बाजू की हड्डी टूट गई.
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डॉक्टर मल्होत्रा ने बताया कि जब जीएमसीएच-32 में उनका इलाज किया जा रहा था तब उनका इलाज कर रहे डॉक्टर समीर ने उनसे संपर्क किया और मल्टीपल मायलोमा की आशंका जताई. इसके बाद उन्हें चंडीगढ़ पीजीआई लाया गया और उनके जरूरी टेस्ट किए गए, जिसमें इस बीमारी की पुष्टि हुई.
'इस बीमारी में मरीजों को हो जाती हैं गंभीर बीमारियां'
कई बार किसी मरीज की किडनी अचानक खराब हो जाती है इसके पीछे भी मल्टीपल मायलोमा की बीमारी हो सकती है. कुछ मरीजों में हीमोग्लोबिन का स्तर काफी कम हो जाता है या कुछ मरीजों में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है. यह मायलोमा के लक्षण हैं. डॉ. मल्होत्रा ने लोगों से अपील भी की कि अगर इनमें से कोई लक्षण दिखाई दे तो मरीज को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और मल्टीपल मायलोमा के लिए जरूरी टेस्ट करवाना चाहिए.
पंजाब और केरल में मिल रहे ज्यादा मरीज- डॉ. मल्होत्रा
डॉ. मल्होत्रा का कहना है कि इस बात के ज्यादा प्रमाण नहीं है कि यह बीमारी किस कारण से होती है. ऐसा देखने में आया है कि इस बीमारी के सबसे ज्यादा मरीज पंजाब और केरल में मिल रहे हैं. अभी तक जो रिसर्च की गई है उसमें कुछ हद तक यह सामने आया है कि यह बीमारी कीटनाशकों और प्रदूषण की वजह से होती है, लेकिन इसके सभी कारणों के बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है.
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14वें नंबर पर जानलेवा है ये कैंसर
सांसद किरण खेर के बारे में उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें जो जानकारी मिल पाई है उसके अनुसार किरण खेर रिकवर कर रही हैं. उम्मीद है कि सांसद किरण खेर जल्द ही इस बीमारी से ठीक होकर पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगी. आपको बता दें कि सभी तरह के कैंसर में मरने वाले मरीजों में 2.4 फीसदी मरीजों कि इस बीमारी की वजह से मौत होती है, और मौत के मामले में यह कैंसर 14वें नंबर पर आता है.