चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal Khattar) ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (World Disability Day) पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अम्बाला के आजीवन दिव्यांग देखभाल गृह का शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने विशेषतः दिव्यांगजनों के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की वेबसाइट और दिव्यांग अवॉर्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए पोर्टल भी लॉन्च किया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर दिव्यांगजनों को तोहफा देते हुए हर जिले के एक स्टेडियम में दिव्यांग खेल कॉर्नर (Divyang Sports Corner) बनाने की घोषणा की है.
इसके साथ-साथ उन्होंने राजकीय अन्ध विद्यालय, पानीपत की नई बिल्डिंग बनाने और नेत्रहीन अधिकारियों को ब्रेल प्रिंटर दिए जाने की भी घोषणा की. मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि मानसिक रूप से अक्षम लोगों की देखभाल के लिए अम्बाला में 5 एकड़ भूमि पर 31 करोड़ 71 लाख रुपये की लागत से आजीवन दिव्यांग देखभाल गृह का निर्माण किया जाएगा. इसमें 100 दिव्यांगजनों के लिए वस्त्र, भोजन व उनकी उचित देखभाल की पूरी व्यवस्था होगी.
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उन्होंने कहा कि देश में करीब 50 लाख मानसिक अक्षम हैं, हरियाणा सरकार ज्यादा से ज्यादा ऐसे लोगों के लिए व्यापक स्तर पर सुविधाएं देने के प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब दिव्यांगजन स्टेट कमिशनर फॉर डिसेबलिटीज पोर्टल पर अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं. पोर्टल पर ही अपनी शिकायत को ट्रैक करने के साथ-साथ अधिनियम सूचना, विभाग की योजनाएं व मामला सूची विधि व्यवस्था की जानकारी ले सकते हैं.
मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों के लिए अवॉर्ड पोर्टल की भी शुरुआत की. इस पोर्टल पर दिव्यांगजन सीधे अलग-अलग श्रेणी की अवॉर्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इससे भी उन्हें काफी सहूलियत मिलेगी, उन्हें विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. उन्होंने कहा कि श्रेणी-1 एवं 2 के नेत्रहीन अधिकारियों को ब्रेल प्रिंटर दिए जाएंगे. दिव्यांगजनों के लिए सरकार व्यापक स्तर पर काम कर रही है. इनके लिए एनजीओ व अन्य सामाजिक संस्थाओं को भी आगे आना चाहिए, ताकि दिव्यांगजनों में आत्मविश्वास जगे और वे आगे बढ़ सकें. मुख्यमंत्री ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों की बैठक भी ली और दिव्यांगजनों को दी जा रही अलग-अलग सुविधाओं व पेंशन के संबंध में जानकारी ली.
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गौरतलब है कि हर साल 3 दिसंबर को पूरी दुनिया में 'विश्व विकलांग दिवस' मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद है, दिव्यागों के प्रति लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करना. हर साल इस दिन दिव्यांगों के विकास, उनके कल्याण के लिए योजनाओं, समाज में उन्हें बराबरी के अवसर मुहैया करने पर गहन विचार विमर्श किया जाता है. हर वर्ष दुनिया के तमाम देशों में 3 दिसंबर को दिव्यांगों के उत्थान, उनके स्वास्थ्य व सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
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