चंडीगढ़: हरियाणा में जेल के नाम पर चाचा-भतीजा आमने-सामने आ गए हैं. चाचा भतीजे को जेल भेजना चाहते हैं. वहीं, दूसरी तरफ भतीजा, चाचा को इस मामले में नसीहत दे रहा है. जेल भेजने की सियासत हरियाणा की राजनीति में क्या रंग लाएगी, वह तो आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा. लेकिन, मौजूदा दौर में यह एक सियासी मुद्दा तो बन ही गया है.
दरअसल, जेल का सियासी खेल तब शुरू हुआ, जब इंडियन नेशनल लोकदल के एकमात्र विधायक अभय चौटाला गोहाना पहुंचे हुए थे. अभय सिंह चौटाला ने परिवर्तन यात्रा के तहत गोहाना पहुंचने पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को लपेटे में ले लिया. उन्होंने कहा कि आपने देखा नहीं विधानसभा में कैसे मुख्यमंत्री शराब माफिया को लेकर खुद को क्लीन चिट दे रहे थे. बजाय इसकी रिपोर्ट को पेश करेंने के. उन्होंने कहा कि जैसे आज मनीष सिसोदिया को बीजेपी ने शराब नीति को लेकर जेल में डाला है. वैसे ही दुष्यंत चौटाला भी हरियाणा जेल में जाएंगे. इन्हीं घोटालों में जेल जाएंगे और बीजेपी खुद उसे जेल में डालेगी.
इधर इस मामले में अभय चौटाला के भतीजे जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने उनके बयान को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अभय सिंह का पिता और भाई के जेल के संघर्ष से पेट नहीं भरा. अभय सिंह भतीजे को जेल में डलवाने की सोच रखते हैं. अभय सिंह ख्याली पुलाव पकाने बंद करें. अभय सिंह नकारात्मक सोच की वजह राजनीति में हाशिये पर हैं. हमारी यही दुआ है कि अभय सिंह को कभी जेल न हो. डिप्टी सीएम के नेतृत्व में आज आबकारी, जीएसटी और राजस्व विभाग के टैक्स कलेक्शन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही है.
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इधर इसी जेजेपी और इनेलो के बीच जुबानी जंग पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि यह राजनीतिक की बजाय पारिवारिक बयानबाजी ज्यादा है. जिस मुद्दे का जिक्र अभय चौटाला कर रहे हैं, उसे वह 3 बार विधानसभा में उठा चुके हैं. लेकिन, अपनी बात साबित करने के लिए उनके पास तथ्य नहीं थे. इसकी निष्पक्ष जांच हुई और उसमे कुछ भी पाया नहीं गया. ऐसा लग रहा है जैसे कोई घर का विवाद चल रहा हो.