चंडीगढ़:हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी के नेता दिग्विजय चौटाला ने कहा है कि दिल्ली में किसानों के आंदोलन के मद्देनजर होने वाली बातचीत पर पार्टी की पैनी नजर है. ईटीवी भारत से बात करते हुए दिग्विजय चौटाला ने कहा कि पिछले 3-4 दिन से किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं और हालात समान्य नहीं हैं.
सरकार को MSP पर किसानों की बात मान लेनी चाहिए: दिग्विजय चौटाला उन्होंने बताया कि किसानों की मांग और कुछ समस्याएं हैं कि इन तीनों कानूनों के बन जाने के बाद खेती पर बड़े औद्योगिक घरानों का नियंत्रण होगा और न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो जाएगा. लेकिन जब तक जेजेपी हरियाणा में सरकार की सहयोगी है, तब तक ऐसा नहीं होगा. सरकार में अनेक जनहित के फैसले उठाए गए हैं.
दिग्विजय चौटाला ने दावा किया कि उन्होंने किसानों से जल्द बातचीत करने की मांग उठाई थी. जिसे मान लिया गया है. साथ ही उन्होंने मंत्री स्तर पर बातचीत होने की भी मांग की थी, जिसे सरकार ने मान लिया है. दिग्विजय चौटाला ने कहा कि दिल्ली में चल रही बातचीत की बागडोर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हाथ में है जो कि खुद एक किसान हैं और उन्हें उम्मीद है कि वो किसान की तरह ही किसानों से बात करेंगे. इस मुद्दे का कोई ना कोई हल जरूर निकलेगा.
'एमएसपी पर किसानों की दिक्कत का समाधान होना चाहिए'
दिग्विजय चौटाला के मुताबिक किसान के मन में जो दुविधा है सरकार को उसे खत्म कर देना चाहिए और जो उनकी मांग है उसके अनुरूप आगे बढ़ना चाहिए. दिग्विजय चौटाला ने कहा कि सरकार पहले भी तो एमएसपी दे रही है तो किसानों की इस मांग को मान लेना चाहिए. जब दिग्विजय सिंह चौटाला से पूछा गया कि पहले जेजेपी केंद्र के लाए कृषि कानून को किसान हितों में बता रही थी, अब पार्टी का स्टैंड क्यों बदला तो इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि ये कानून किसानों के हितों के खिलाफ हैं, दिक्कत सिर्फ एमएसपी की है और किसानों को इसको लेकर जो दिक्कत है उसका समाधान होना चाहिए.
सोमबीर सांगवान के समर्थन वापसी पर ये बोले दिग्विजय
निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान द्वारा सरकार से समर्थन वापस लेने के मुद्दे पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ये उनका अपना निजी फैसला है. वो किसान हितों में इस तरीके का कदम उठा रहे हैं. ये उनकी अपनी किसानों के प्रति भावना है. वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या इसका असर बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर पड़ेगा तो उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. इसका कोई भी असर सरकार पर नहीं पड़ने वाला है.
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