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पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट में मिले हरियाणा को हिस्सा, राज्य सरकार उठाए कदम- दिग्विजय चौटाला

दिग्विजय चौटाला ने पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा की हिस्सेदारी का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हरियाणा को पंजाब यूनिवर्सिटी में बराबरी का हक मिले. इसके लिए दिग्विजय ने देश के उपराष्ट्रपति, पीयू के वाइस चांसलर और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखा है.

digvijay chautala demands haryana share in punjab university senate
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Published : Mar 19, 2021, 5:03 PM IST

चंडीगढ़:छात्र संगठन इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने पंजाब यूनिवर्सिटी में हरियाणा की हिस्सेदारी का मुद्दा उठाते हुए हरियाणा का हक मांगा है. उन्होंने पीयू सीनेट में हरियाणा की हिस्सेदारी बहाल करने की पुरजोर मांग करते हुए पीयू में प्रशासनिक सुधारों को लेकर उपराष्ट्रपति द्वारा गठित विशेषज्ञों की समिति और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखे हैं.

इनसो अध्यक्ष ने उपराष्ट्रपति द्वारा गठित विशेषज्ञ कमेटी को पत्र लिखते हुए कहा कि हरियाणा के हजारों छात्रों एवं पूर्व छात्रों, सैकड़ों शिक्षक व गैरशिक्षक कर्मचारियों को उनका हक देने के लिए पीयू में प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से सबसे बड़ी फैसले लेने वाली सीनेट में हरियाणा का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है.

उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब की साझी राजधानी है और पीयू चंडीगढ़ का सबसे बड़ा शैक्षणिक संस्थान है. जिसमें पहले हरियाणा की हिस्सेदारी थी. लेकिन 90 के दशक में दुर्भाग्यपूर्ण कारणों से पीयू सीनेट में हरियाणा की हिस्सेदारी को बिल्कुल खत्म कर दिया गया. दिग्विजय ने कहा कि पीयू में पढ़ने और नौकरी करने वाले हरियाणा पृष्ठभूमि के लोगों के हितों की रक्षा करना बहुत जरूरी है, इसलिए पीयू सीनेट में प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से हरियाणवियों को उनका हक दिया जाए.

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दिग्विजय चौटाला ने इस विषय में एक अन्य पत्र मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लिखते हुए कहा कि पीयू में हरियाणा का हक वापस लेने की दिशा में तकनीकी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार को भी आवश्यक कदम उठाने होंगे. उन्होंने इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से पीयू के लिए वित्तीय अनुदान सुनिश्चित करने, पंचकुला, अंबाला व यमुनानगर के कॉलेजों को पीयू से जोड़ने के लिए उपराष्ट्रपति सचिवालय, विशेषज्ञ समिति व पीयू प्रशासन से जरूरी संवाद स्थापित करने की मांग सीएम से की.

इनसो अध्यक्ष ने कहा कि ये विषय पीयू से जुड़े हरियाणवी पृष्ठभूमि के लोगों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए ही नहीं बल्कि साझी राजधानी के सार्वजनिक संस्थानों में हरियाणा का हक सुनिश्चित करने के लिए भी बेहद आवश्यक है. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुसार पीयू में प्रशासनिक सुधारों के लिए गठित समिति ने इसके लिए रास्ता खोला है और इसके जरिए पीयू सीनेट में हरियाणा का हक सुनिश्चित किया जा सकता है. दिग्विजय ने अपने पत्र की प्रतिलिपियां देश के उपराष्ट्रपति व पीयू के वाइस चांसलर को भी भेजी हैं.

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